Gautam Adani On Teachers Day: शिक्षक दिवस के अवसर पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने मुंबई स्थित जय हिंद कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित भी किया. इस कार्यक्रम की थीम थी Breaking Boundaries: The Power of Passion and Unconventional Paths to Success. गौतम अडानी ने अपने संबोधन में कहा कि जिंदगी में आगे वही बढ़ते हैं, जो सीमाओं को तोड़ते हैं. मैंने भी महज 16 साल की उम्र में इस बाउंड्री को तोड़ा था. जिसके बाद अहमदाबाद से मुंबई आ गया था.
गौतम अडानी ने आगे कहा कि “इस बात को लोग आज भी पूछते हैं कि आपने अहमदाबाद क्यों छोड़ दिया था और मुंबई क्यों आ गए? उन्होंने कहा कि मुंबई सिर्फ एक शहर नहीं है, बल्कि ये मेरे बिजनेस का ट्रेनिंग सेंटर है. यहीं पर मैंने बड़ी सोच रखना सीखा.”
गौतम अडानी ने कहा, “आप जो भी सपने देखते हैं, उसी को पूरा करते हैं. जितनी बड़ी सीमाएं आप तोड़ते हैं, प्रतियोगिता उतनी ही कम होती है. आज के समय में परिस्थितियों की आलोचना करना आसान है, लेकिन इसे सुधारना बहुत कठिन है. हालांकि जो लोग इन मुश्किलों से घबराते नहीं है और इन्हें पार कर जाते हैं, उन्हीं को जिंदगी में सफलता मिलती है.
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अडानी ने इस दौरान हिंडनबर्ग रिपोर्ट का भी जिक्र किया. जिसको लेकर उन्होंने कहा कि वित्तीय हमले के बाद भी हमने अपना धैर्य नहीं खोया और जज्बे के साथ आगे बढ़ते रहे, ये सिर्फ एक वित्तीय अटैक नहीं था, बल्कि दोनों तरफ से किया गया हमला था. इन रिपोर्ट का मकसद हमें ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना था, लेकिन हमने इस कठिन दौर में भी इतिहास रचते हुए बहुत अच्छा कारोबार किया.
इस दौरान गौतम अडानी ने धारावी पुनर्विकास परियोजना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि धारावी सिर्फ एक पुनर्विकास परियोजना नहीं है, बल्कि यहां के 10 लाख से अधिक बाशिंदों की गरिमा बहाल करने और उन्हें सस्टेनेबल जीवन का अद्वितीय इकोसिस्टम प्रदान करने का एक मिशन है.
अडानी समूह के चेयरमैन ने कहा, “इससे न केवल इसके 10 लाख से अधिक निवासियों को गरिमामय जीवन जीने का अवसर मिलेगा, साथ ही साथ, यह मुंबई के बीचों-बीच सस्टेनेबल जीवन और नवाचार का एक अद्वितीय इकोसिस्टम तैयार करेगा.”
धारावी का भौगोलिक क्षेत्र आकार में 2.39 वर्ग किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा है. अडानी समूह के अनुसार, पुनर्विकास परियोजना सस्टेनेबल जीवन और नवाचार का एक अद्वितीय इकोसिस्टम तैयार करेगी. तीन अरब डॉलर की पुनर्विकास परियोजना के तहत, किरायेदारों को 350 वर्ग फीट का घर प्रदान किया जाएगा, जो देश की आर्थिक राजधानी में किसी भी दूसरी स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) योजना की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है.
इस साल 18 मार्च को शुरू हुए इस सर्वेक्षण के तहत घर-घर जाकर 11 हजार से ज्यादा चॉलों का सर्वे पूरा किया गया है. इस सर्वेक्षण का नेतृत्व राज्य सरकार के डीआरपी/एसआरए के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार और अडानी समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) द्वारा किया जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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