Ranchi: सीएम हेमंत सोरेन द्वारा ईडी के समन के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. हाइब्रिड मोड में हुई सुनवाई के दौरान सीएम की ओर से वरीय अधिवक्ता पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने बहस की. दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने सीएम हेमंत सोरेन की याचिका को खारिज कर दिया.
हेमंत ने सम्मन का पहले ही उल्लंघन किया, चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सीएम ने सम्मन का पहले भी उल्लंघन किया है. वे ईडी के किसी भी सम्मन पर उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में उनका सम्मन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं है. इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है. वहीं सीएम की ओर से वरीष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि सीएम के खिलाफ किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है. ऐसे में उन्हें ईडी द्वारा सम्मन दिया जाना उचित नहीं है.
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एजेंसी को समन और बयान लेने का अधिकार – ईडी
अदालत में ईडी ने कहा कि प्रार्थी ने जो पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 60 को चुनौती दी है, उसे सुप्रीम कोर्ट विजय मदन लाल चौधरी के केस में डिसाइड कर चुका है. इसके तहत एजेंसी को सम्मन और बयान लेने का अधिकार है. ऐसे में हाई कोर्ट इस मामले में कोई आदेश नहीं दे सकता है.
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