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हाई कोर्ट ने ट्रोल करने से जुड़ी सामग्री को हटाने का दिया आदेश, सीएम योगी पर टिप्पणी के बाद चर्चा में आई थी महिला

उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक्स (पहले ट्विटर) को एक महिला के निजी और व्यावसायिक विवरण का खुलासा करने वाले ट्वीट्स को हटाने का आदेश दिया है. महिला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की थी. इसके बाद महिला के खिलाफ कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई. महिला को लगातार एक्स पर ट्रोल किया जा रहा था. जिसको लेकर हाई कोर्ट ने ये आदेश दिया.

आपत्तिजनक ट्वीट्स को हटाने के आदेश

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने अपने आदेश में कहा कि वादी एक पेशेवर महिला है जिसके खिलाफ इंटरनेट पर आपत्तिजनक, अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं और इसलिए आपत्तिजनक ट्वीट्स को हटाना होगा. न्यायमूर्ति सिंह ने यह भी कहा कि हालांकि मामले में पूरी तरह से ‘डॉक्सिंग’ के खिलाफ मुकदमा नहीं बनता है, क्योंकि वादी की पहचान पूरी तरह से गुमनाम नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसे परेशान किया जाए जिससे उसे विशेष रूप से शर्मिंदगी उठानी पड़े.

डॉक्सिंग साइबर बुलिंग का एक रूप है

बता दें कि डॉक्सिंग साइबर बुलिंग का एक रूप है जो किसी व्यक्ति की संवेदनशील या गुप्त जानकारी का उपयोग उसके उत्पीड़न, जोखिम, वित्तीय क्षति या अन्य शोषण के लिए किया जाता है.

17 जनवरी 2024 को वादी महिला ने आदित्यनाथ के एक साक्षात्कार के बारे में एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें महिला ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शंकराचार्यों की गैर-उपस्थिति के जवाब में एक सवाल का जवाब दिया था. महिला ने सीएम योगी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था.

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वादी महिला के मुताबिक अगले ही दिन से उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने खिलाफ काफी आपत्तिजनक सामग्री का सामना करना पड़ा. इन ट्वीट्स से उनके असली नाम के साथ-साथ कार्यस्थल के विवरण के साथ उनकी तस्वीरों को भी शेयर किया जा रहा था.

अदालत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर महिला की मूल पोस्ट पहले ही हटा दी गई है और उसने कहा है कि वह राजनीतिक नेता पर कोई और टिप्पणी नहीं करना चाहती है. अदालत ने आदेश दिया कि वादी के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट हटा दिए जाएं और उसे इन एक्स खातों की बुनियादी ग्राहक जानकारी के बारे में सूचित किया जाए.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Kumar Verma

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