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Kumar Vishwas: LAC के पास पैंगोंग झील पर कवि सम्मेलन! सेना के बीच बोले कुमार विश्वास- होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

Kumar Vishwas Perform Independence Day: सरकारें कट्टर ईमानदार हो या न हों, लेकिन कुमार विश्वास एक कट्टर राष्ट्रवादी कवि जरूर मालूम पड़ते हैं. कुमार विश्वास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में भारत के सबसे महंगे कवि लद्दाख की पहाड़ियों में राष्ट्र-ध्वज लिए कवि सम्मेलन करते नज़र आ रहे हैं. चीन से सटी सीमा LAC के पास कुमार विश्वास पैंगोंग झील के पास कविता पाठ कर रहे हैं. वीडियो से पता चलता है कि कुमार विश्वास स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सैनिकों के साथ आजादी का उत्सव मना रहे हैं.

कुमार विश्वास एक निजी टीवी चैनल के आयोजन के तहत पैंगोंग झील पहुंचे हुए थे. यहां पर उन्होंने सेना के जवानों के साथ मुलाकात करने के बाद उन्हें कविताएं भी सुनाई. कुमार विश्वास ने जो वीडियो स्वयं ट्वीट किया है, उसमें देखा जा सकता है कि वो पैंगोंग झील के पास बाकायदा कवि सम्मेलन का हिस्सा बन रहे हैं. इस दौरान उन्होंने “होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो” समेत देशभक्ति से भरी कविताएं सुनाईं.

सेना के त्याग और तपस्या को अपने शब्दों में ऐसे किया बयां

कुमार विश्वास ने सेना के त्याग और तपस्या को अपने शब्दों में बयां करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “ऊँचाई के कारण साँसों की सहज लय बार-बार किंचित् विचलित हो रही थी, रक्त में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से काफ़ी कम था, पर इन सबके बावजूद अपने गर्वित मस्तक पर भारतीय पराक्रम का अमिट इतिहास समेटे इन दुर्गम पर्वत शिखरों के बीच, भारतीय शौर्य व राष्ट्र-निष्ठा की साक्षी पैंगोंग झील के किनारे आज़ादी के इस पावन-पर्व को मनाने का यह अनुभव बेहद ख़ूबसूरत था. होंठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो… ”

यह भी पढ़ें: Independence Day 2023: किसान-सरपंच, सेंट्रल विस्टा से जुड़े श्रमिक…आजादी के जश्न में लाल किले पर ये होंगे खास मेहमान

“आज देश पूरे लाम पर है, जो जहां पर है वतन के काम पर है”

गौरतलब है कि पैंगोंग झील एलएएसी के काफी करीब है और चीन के साथ बीते कुछ सालों से तनातनी का माहौल बना हुआ है. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद हिंदुस्तानी फौज पूरी मुस्तैदी से पोस्ट पर डंटी हुई और लगातार सेना को गोला-बारूद और मारक हथियारों की यहां सप्लाई हो रही है. ऐसे हालात में महाकवि कुमार विश्वास का पहुंचना और राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत वाली उनका कविताओं से सेना समेत पूरे राष्ट्र को ऊर्जा मिली है. साथ ही दुश्मन मुल्कों को एक सबक भी मिला है, जिसे खुद कुमार विश्वास ने अपनी कविता में कहा, “आज देश पूरे लाम पर है, जो जहां पर है वतन के काम पर है.”

— भारत एक्सप्रेस

Amrit Tiwari

Editor (Digital)

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