India Vs Bharat: देश का नाम INDIA या भारत. इस पर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. G20 रात्रिभोज के आधिकारिक निमंत्रण में सामान्य ‘INDIA के राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ लिखा गया. विपक्षी दलों ने इंडिया की बजाय भारत लिखे जाने पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की. अब देश का नाम इंडिया से भारत किए जाने की भी अटकलें हैं. बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 1 में दोनों नामों का परस्पर उपयोग किया गया है, “इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा.”
इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय रेलवे जैसे कई नामों में भी INDIA का जिक्र है. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान से “इंडिया” को हटाने और केवल भारत को बनाए रखने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया: “संविधान में भारत को पहले से ही भारत कहा जाता है.” देश का नाम भारत होना चाहिए या इंडिया इसको लेकर बहसों, तर्कों और प्रतीकों की राजनीति का सिलसिला जारी है. इसकी शुरुआत हुई विपक्षी दलों के गठबंधन का INDIA नाम रखे जाने के बाद.
प्राचीन ग्रंथों में देश के अलग-अलग नाम लिखे गए- जैसे जम्बूद्वीप, भारतखंड, हिमवर्ष, अजनाभ वर्ष, आर्यावर्त तो वहीं अपने-अपने जमाने के इतिहासकारों ने हिन्दुस्तान, भारत वर्ष आदि नाम दिए. लेकिन, देश के नाम को लेकर चल रहे तमाम विवादों के बीच क्या आप जानते हैं कि हमारे देश का यह नाम कैसे पड़ा? अगर नहीं तो आइये हम विस्तार से बताते हैं. दरअसल, INDIA-भारत”, “भरत” या “भारतवर्ष” की जड़ें पौराणिक साहित्य और महाभारत तक जाती हैं. पुराणों के अनुसार, भारत “दक्षिण में समुद्र और उत्तर में बर्फ की परत” के बीच की जमीन है. भरत पौराणिक कथाओं के प्राचीन राजा का नाम भी है. भरत ऋग्वैदिक जनजाति के पूर्वज थे. ऐसा माना जाता है कि हिंदुस्तान नाम ‘हिंदू’ से आया है. मुगल साम्राज्य के शासनकाल के दौरान भी, भारत को ‘हिंदुस्तान’ के नाम से जाना जाता था, लेकिन ब्रिटिश उपनिवेशों के सत्ता में आने के बाद, हिंदुस्तान धीरे-धीरे भारत के रूप में लोकप्रिय हो गया.
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बता दें कि प्राचीन काल में भरत नाम के कई व्यक्ति हुए हैं. दुष्यन्तसुत के अलावा दशरथपुत्र भरत भी खूब प्रसिद्ध हैं. राम के छोटे भाई भरत ने भाई के वन जाने के बाद अयोध्या में खड़ाऊं राज किया था. एक और नाट्यशास्त्र वाले भरतमुनी हैं. हालांकि, इतिहासकारों का मानना है कि दुष्यन्तपुत्र भरत ही भारत नामकरण के पीछे खड़े दिखते हैं. ग्रन्थ के अनुसार भरत एक चक्रवर्ती सम्राट यानी चारों दिशाओं की भूमि का अधिग्रहण कर विशाल साम्राज्य का निर्माण कर अश्वमेध यज्ञ किया जिसके चलते उनके राज्य को भारतवर्ष नाम मिला.
-भारत एक्सप्रेस
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