Jhansi News: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में लगातार धांधली की खबरें सामने आ रही है. ताजा खबर झांसी से सामने आई है. यहां पर मंगलवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसी दौरान किसी ने जांच पड़ताव की तो पता चला कि एक दुल्हन का दूल्हा नहीं आया और उसकी शादी उसके जीजा से कराई जा रही है. इसके बाद कार्यक्रम में हड़कम्प मच गया और आयोजकों की पोल खुलकर सामने आ गई. इसकी जानकारी दुल्हन को भी नहीं थी. बाद में जानकारी होने पर भी उसने इसका विरोध नहीं किया. तो वहीं कहा जा रहा है कि, वह इसलिए भी चुप रही क्योंकि उसको सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा था.
बता दें कि झांसी के पॉलीटेक्कि कालेज के मैदान में मंगलावार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था. यहां पर कुल 168 जोड़ों ने अपनी शादी के रजिस्ट्रेशन कराए थे जिनमे से 132 जोड़ों की धूमधाम से शादी कराई गई. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल होने के लिए दूर-दूर से वर और वधू पहुंचे थे. सम्मेलन में सभी की शादी रीति रिवाज के साथ कराई गई. जब शादी हो रही थी तभी एक संदिग्ध जोड़े को देखकर लोगों ने उसके बारे में जानकारी हासिल की तो पूरी हकीकत सामने आ गई.
झाँसी के बामोर निवासी ख़ुशी की शादी छतरपुर मध्यप्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी और समारोह में उनका रजिस्ट्रेशन 36 नंबर पर था. बताया जा रहा है कि ख़ुशी ने फेरे लेते ही मांग से सिंदूर व बिंदी पोंछ डाली थी तो दूसरी ओर दूल्हे बृषभान से ज़ब बात की गयी तो उसने कबूल किया कि असल में उसका नाम दिनेश है और वह छतरपुर नहीं बल्कि बामोर का रहने वाला है. उसने बताया कि बृषभान से शादी होनी थी लेकिन वह नहीं आया तो विभाग के ही कुछ लोगों के कहने पर वह बृषभान की जगह दूल्हा बन गया. इसी के साथ ही उसने यह भी बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और ख़ुशी का रिश्ते में जीजा लगता है. तो वहीं सूत्रों की मानें तो विवाह समारोह में सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद हड़पने के लिए ही ये पूरा खेल किया गया है. नहीं तो भला शादी होते ही कोई लड़की अपना सिंदूर कैसे पोछ सकती है. सूत्रों की मानें तो इस विवाह कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी व कर्मचारी के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है.
इस पूरे प्रकरण को लेकर समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने अपना बचाव करते हुए कहा कि, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. फिर भी इसकी जांच कराई जायेगी. आधार कार्ड मिलाकर हम लोग सामान बांटते है. ब्लॉक से जो सूची आती है उसी के आधार पर हम लोग शादी कराते हैं. यदि कोई शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी.
इनपुट- विवेक राजौरिया
-भारत एक्सप्रेस
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