G20 Summit: अगले महीने दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इस समिट में 19 देशों के मेहमान हिस्सा लेंगे. राष्ट्रीय राजधानी में इसके लिए खास तैयारी की जा रही है. ITPO सजा दी गई है. प्रगति मैदान इलाके की साफ-सफाई कर दी गई है. मेहमानों के ठहरने के लिए करीब 35 होटल बुक किए गए हैं. दिल्ली की सुरक्षा की जिम्मेदारी NSG और CRPF के ऊपर है. दिल्ली में होने वाले G20 की बैठक से पहले सदस्य देशों ने डिमांड रखी है. अमेरिका ने बाइडन के काफिले के लिए 75-80 गाड़ियां मांगी है. वहीं चीन ने 46 गाड़ियां मांगी है. इन दोनों देशों के अलावा, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ और फ्रांस के प्रतिनिधि अपनी कारें लेने की योजना बना रहे हैं.
बता दें कि G20 बैठक के दौरान कुल 32 काफिले निकाले जाएंगे. इसमें से 6 देशों के पास खुद की गाड़ियां होंगी. ये सभी गाड़ियों को विमान से इंडिया लाएंगे. वहीं, शेष को भारत सरकार गाड़ियां मुहैया कराएंगी. सबसे बड़ा काफिला अमेरिका का होगा. वहीं अंतरराष्ट्रीय संगठन के बाद सबसे पहले ओमान का काफिला निकलेगा. इसकी वजह का वहां का सुल्तान का होना. इसके बाद सभी देशों के काफिले को अल्फावेट के क्रम में निकाला जाएगा.
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस पर चिंता जाहिर की है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि हर मेहमान को ज्यादा गाड़ियां प्रोवाइड कराने से ट्रैफिक व्यवस्था में दिक्कत आएगी. इसलिए मेहमानों को दिए जाने वाले गाड़ियों की संख्या में कटौती की जानी चाहिए. विदेश मंत्रालय ने अतिथि देशों को इस बात की सूचना दे दी है.
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सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय से बातचीत के बाद अमेरिका 60 वाहनों पर राजी हो गया है, जबकि चीन के साथ चर्चा अभी भी जारी है. हालांकि, चीन का कहना है कि उसे और भी गाड़ियां चाहिए. दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधि ने बैठक में बताया कि उन्होंने सुरक्षा के साथ-साथ यातायात की सभी व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन अतिथि देशों को दी जाने वाली कारों की संख्या में कटौती करनी चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस का कहना है कि अमेरिका को 75-80 कार की जगह 25 और चीन को 20 देनी चाहिए.
बता दें कि जी20 समिट से पहले वीवीआईपी के लिए तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए कुछ दिन पहले आयोजित बैठक में ‘कारकेड’ मुद्दे पर चर्चा की गई थी. विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल प्रमुख की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो और अन्य हितधारकों के अधिकारियों ने भाग लिया.
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