Land For job Case: लैंड फॉर जॉब मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव सहित अन्य के खिलाफ दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने को लेकर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने 24 अगस्त को सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर फैसला सुनायेगा. ईडी द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है. ईडी का आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेलमंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लोगों से जमीन ली थी. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी जांच कर रही है.
ईडी ने 100 पेज का सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया है. चार्जशीट के साथ 96 दस्तावेज भी दिए गए हैं. इसमें ललन चौधरी, हजारी राय, धर्मेन्द्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्वर्गीय लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी और संजय राय का भी नाम शामिल है. इस मामले में सीबीआई ने अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दिया है. सीबीआई ने 78 लोगों को आरोपी बनाया है. सीबीआई ने कहा कि 38 कैंडिडेट्स है इसके अलावे कुछ अधिकारी शामिल हैं. सीबीआई ने 6 मार्च को इस मामले में तीसरी पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें भोला यादव को आरोपी बनाया गया है.
सीबीआई द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र में कहा गया है कि भोला यादव लालू प्रसाद यादव के सचिव रह चुके हैं और वही सभी काम देखते थे. भोला यादव ही अधिकारियों को निर्देश देते थे. सीबीआई ने इस संबंध में भोला यादव के कम्प्यूटर से सबूत बरामद किया है. बता दें कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव सहित अन्य लोगों को आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के कई सदस्य भी इस मामले में आरोपित है, और कोर्ट से उन्हें जमानत मिली हुई है.
सीबीआई ने इस मामले में कई अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है. जिसमें तत्कालीन रेलमंत्री लालू यादव के सचिव रह चुके भोला यादव को भी जांच एजेंसी ने अपने रडार पर लिया है. इससे पहले कोर्ट ने फरवरी में इस मामले में कई आरोपितों को जमानत दी है. जमानत लेने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद सांसद मीसा भारती, हेमा यादव सहित अन्य आरोपी हैं. बता दें कि रेलवे में जमीन के बदले नौकरी का यह मामला उस दौरान का है जब लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे.
आरोप है कि जमीन को औने-पौने दाम में लिखवाकर रेलवे में नौकरी दी गई. लालू परिवार के कई सदस्य इस मामले में जांच एजेंसियों के रडार पर चढ़े. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को ईडी ने अपने दफ्तर में भी बुलाया था और दोनों से लंबी पूछताछ हुई थी. गौरतलब है कि यह कथित घोटाला उस समय तक है. जब लालू प्रसाद यादव यूपीए 1 सरकार में रेलमंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में उन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों और एक. संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी थी.
-भारत एक्सप्रेस
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