Lok Sabha Speaker Election: आज मोदी सरकार अपनी पहली अग्निपरीक्षा देने जा रही है. लोकसभा स्पीकर के चुनाव में विपक्ष ने के. सुरेश को मैदान में उतार कर बड़ा दांव खेल दिया है तो वहीं मोदी सरकार की ओर से ओम बिरला मैदान में हैं. इसके बाद से सवाल खड़ा हो रहा है कि इस बार लोकसभा स्पीकर कौन होगा? फिलहाल कुछ ही देर में इसकी तस्वीर साफ हो जाएगी. इस पर आज 11 बजे से वोटिंग शुरू होने जा रही है. दूसरी ओर खफा ममता दीदी को मनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर राहुल गांधी तक के फोन पहुंचने की खबर सामने आ रही है.
बता दें कि 18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र चल रहा है और पहले ही सत्र में तकरार दिखने को मिल रही है. स्पीकर पद के लिए इंडिया अलांयस ने के. सुरेश को मैदान में उतारकर मोदी सरकार को कड़ी चुनौती दे दी है और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया अलायंस पूरी कोशिश में लगा है कि एनडीए को मात दे दी जाए. के. सुरेश के साथ सभी विपक्षी सांसद खड़े हैं तो वहीं ममता की नाराजगी दूर करने के लिए राहुल गांधी ने मोर्चा संभाला है. खबर है कि राहुल गांधी ने ममता बनर्जी को फोन कर 30 मिनट तक बात की है.
बता दें कि लोकसभा स्पीकर के लिए मंगलवार को कांग्रेस ने के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बना दिया गया. इसके लिए ममता बनर्जी से कोई बात भी नहीं की. इसी के बाद ममता बनर्जी की टीएमसी कांग्रेस से खफा हो गई और आरोप लगाया कि विपक्ष के स्पीकर कैंडिडेट को लेकर उससे राय नहीं ली गई. इसके अलावा टीएमसी ने ये भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपनी मर्जी से के. सुरेश को उम्मीदवार बनाया है. संख्या बल के लिहाज से इंडिया अलायंस को सदन में ममता का साथ अगर नहीं मिलता है तो कांग्रेस अकेले कुछ नहीं कर सकती. इसके बाद दीदी को मनाने के लिए कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने कमान सम्भाली. बता दें कि इसी कारण टीएमसी ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर भी नहीं किए.
सूत्रों की मानें तो के. सुरेश के नामांकन के बारे में पहले न बताने को लेकर कांग्रेस की ओर से टीएमसी से माफी मांग ली गई है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के बात करने के बाद ममता बनर्जी मान गईं और इंडिया गठबंधन की बैठक में टीएमसी के 2 सीनियर नेताओं को भेजने का निर्णय लिया है. कहा जा रहा है कि टीएमसी अब के. सुरेश को समर्थन दे सकती है.
बता दें कि इस चुनाव को जीतने के लिए एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल है. हालांकि कांग्रेस ने 8 बार के कांग्रेस सांसद कोडिकिन्नल सुरेश (के सुरेश) को उतारते हुए ये कहा है कि वह लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद हैं. इससे पहले कांग्रेस ने उनको प्रो-टर्म अध्यक्ष नामित करने का मुद्दा भी उठाया था. तो वहीं सूत्रों की मानें तो एनडीए ने भी ममता बनर्जी से संपर्क साधा है. कहा जा रहा है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार की दोपहर को ही ममता बनर्जी को फोन किया था. इस पर टीएमसी के एक नेता ने दावा करते हुए कहा है कि, दोनों ने अध्यक्ष के मुद्दे और विपक्ष द्वारा भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ अपना कैंडिडेट खड़ा करने के बारे में बात हुई है.
हालांकि इन सबके बीच माना जा रहा है कि स्पीकर पद के बहाने गठबंधनों की एकजुटता की परीक्षा भी हो रही है. जहां NDA के पास बहुमत से अधिक 293 सांसद हैं जो जीत के लिए जरूरी संख्या से 21 अधिक हैं. ऐसे में मतदान के दौरान भाजपा के लिए ये चुनौती है कि राजग में यह एकजुटता बनी रहे क्योंकि अगर एक भी दल का राजग उम्मीदवार से किनारा करता है तो लोगों के बीच गठबंधन में फूट पड़ने का संदेश चला जाएगा.
माना जा रहा है कि कांग्रेस के के. सुरेश को 235 तक का समर्थन मिलना संभव है. दरअसल नई लोकसभा में छोटे दलों के नौ और सात निर्दलीय सांसद चुन कर आए हैं. इनमें अकाली दल को छोड़कर अन्य सभी कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में खड़े हो सकते हैं. चूंकि टीडीपी राजग गठबंधन में है. तो वहीं कांग्रेस को वाईएसआरसीपी के साथ की उम्मीद थी, लेकिन वह राजग के समर्थन में है. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस के सामने भी गठबंधन में एकता कायम रखने की चुनौती है. फिलहाल कांग्रेस राजग में सेंध लगाने और निर्दलीय व दूसरे छोटे दलों के 13 सांसदों को अपने खेमे में लाने की जुगत भिड़ा रही है. मालूम हो कि तीन निर्दलीयों पप्पू यादव, विशाल पाटील और मोहम्मद हनीफ के समर्थन के बाद विपक्षी गठबंधन के सांसदों की संख्या 235 हो गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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