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UP News: अब यूपी में महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराध करने वालों को नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत, योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला

वित्त मंत्री ने कहा कि अग्रिम जमानत नहीं मिलने से यौन अपराधों की विवेचना और जैविक व वैज्ञानिक साक्ष्यों का जल्द संकलन किया जा सकेगा.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

Yogi Cabinet Big Decision: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार अपराधियों के खिलाफ कड़े फैसले कर रही है. इसी क्रम में योगी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अब यूपी में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध करने वालों को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी.

बता दें कि मंगलवार को कैबिनेट में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) अध्यादेश 2024 के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई है. राज्यपाल की सहमति के बाद गृह विभाग इसकी अधिसूचना जारी करेगा. मालूम हो कि केंद्र सरकार के नए आपराधिक कानूनों में अग्रिम जमानत के प्रावधानों को देखते हुए राज्य सरकार संशोधन अध्यादेश लेकर आई है.

इसको लेकर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इसमें प्रदेश सरकार की महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति की वजह से अग्रिम जमानत नहीं होने का प्रावधान किया गया है. इससे महिलाओं और बच्चों के मन में राज्य व विधि की सत्ता के प्रति अटूट विश्वास उत्पन्न किया जा सकेगा.

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इससे पहले उन्होंने ये भी कहा कि गिरफ्तारी की आशंका वाले व्यक्ति की अग्रिम जमानत मंजूर करने के लिए भारतीय सुरक्षा संहिता 2023 में प्रावधान किए गए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इसमें उप्र राज्य की विशिष्ट परिस्थितियों के दृष्टिगत संशोधन किया जाना जरूरी है. इसके लिए राज्य सरकार अध्यादेश लेकर आई है.

विवेचना संकलन में मिलेगी सुविधा

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इसके तहत पॉक्सो अधिनियम, बलात्कार से संबंधित धारा 64, 65, 66, 68, 69, 70 व 71 के मामले भी शामिल किए गए हैं. इससे पहले उन्होंने ये भी कहा कि अग्रिम जमानत नहीं मिलने से यौन अपराधों की विवेचना और जैविक व वैज्ञानिक साक्ष्यों का जल्द संकलन किया जा सकेगा. इसी के साथ ही पीड़ित अथवा पीड़िता के भय, दबाव आदि की संभावना का निराकरण भी किया जा सकेगा.

इस कानून में नहीं दी जाएगी अग्रिम जमानत

स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम.
विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम.
उप्र गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम.
उप्र विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम.
शासकीय गुप्त बात अधिनियम.

ये अपराध भी हैं इसके दायरे में

बता दें कि इस अध्यादेश में देश अथवा सरकार विरोधी गतिविधियों (यूएपीए एक्ट), अवैध धर्मांतरण, मादक पदार्थों की तस्करी, संगठित अपराध, ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट को भी शामिल किया गया है. बता दें कि इन सभी केस में भी आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी. साथ ही ऐसे मामले में जिनमें मृत्युदंड की सजा हो सकती है, उसमें भी अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी.

-भारत एक्सप्रेस



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