Lucknow: फर्जी हलाल प्रमाण पत्र जारी कर धोखाधड़ी करने के मामले में यूपी एसटीएफ ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. खबर सामने आ रही है कि चारो हलाल काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य हैं और चारो मुम्बई के रहने वाले हैं. चारो की गिरफ्तारी एसटीएफ मुख्यालय में पूछताछ के बाद की गई है. इन लोगों पर आरोप है कि ये लोग विभिन्न कंपनियों से अवैध वसूली कर रहे थे, जबकि काउंसिल ना तो इस तरह के सर्टिफिकेट जारी करने के लिए अधीकृत है और ना ही किसी प्रोडेक्ट के सैम्पल की जांच कर करती है.
खबर सामने आ रही है कि, हलाल काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य पूछताछ के दौरान तमाम सवालों के जवाब नहीं दे पाए थे. तो वहीं एसटीएफ को छानबीन में पता चला है कि, काउंसिल मुंबई की ओर से अवैध रूप से मीट व मीट प्रोडक्ट के अलावा भी अन्य खाद्य पदार्थों के लिए हलाल सर्टिफिकेट जारी कर रहा था. एसटीएफ ने हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना हबीब यूसुफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुदस्सीर, जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद ताहिर जाकिर हुसैन, ट्रेजरार मोहम्मद अनवर को गिरफ्तार किया गया है.
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एसटीएफ की छानबीन में सामने आया है कि, काउंसिल आफ इंडिया प्रतिवर्ष प्रति सर्टिफिकेट और प्रति प्रोडक्ट अलग-अलग कंपनी से अलग-अलग रुपए वसूल कर रही है. प्रति सर्टिफिकेट के लिए संस्था 10 हजार और एक हज़ार प्रति प्रोडक्ट के लिए चार्ज कर रही है. जबकि यह काउंसिल नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर सर्टिफिकेशन बॉडीज या अन्य किसी सरकारी संस्था से हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं है. तो इसी के साथ ही हलाल काउंसिल आफ इंडिया ने विभिन्न कंपनियों को देश-विदेश में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए प्रमाण पत्र जारी किए हैं जबकि इस काम के लिए ये संस्था अधिकृत ही नहीं है. जांच-पड़ताल में सामने आया है कि, संस्था ने किसी भी प्रोडक्ट का लैब टेस्ट नहीं करवाया और हलाल प्रमाण पत्र जारी कर दिया. तो संस्था के लोगों ने किसी भी उत्पाद के सैंपल को जांच के लिए लिया भी नहीं लिया और ना ही काउंसिल का कोई भी सदस्य पूछताछ के लिए कंपनी में गया. ये संस्था लगातार हलाल प्रोडक्ट के उपभोक्ताओं को बिना किसी जांच व बिना किसी टेस्ट के केवल हलाल का लोगो देकर खूब वसूली कर रही है.
इस पूरे मामले में जानकारी सामने आई है कि, ये संस्था मनमाने तरीके से पैसा वसूलने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी कर वसूली करने में जुटी है. अनावश्यक रूप से कंपनियों पर एक अलग प्रकार का वित्तीय बोझ डाला गया. ऐसे रेस्टोरेंट को भी हलाल प्रमाण पत्र दिया गया जबकि वहां परोसी जाने वाली खाद्य सामग्री पर काउंसिल का कोई नियंत्रण नहीं है.
-भारत एक्सप्रेस
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