Atiq Ahmed Cases: माफिया अतीक अहमद के मारे जाने के बाद से उसकी बीवी शाइस्ता परवीन समेत अन्य परिजन फरार चल रहे हैं. वहीं, उसके दो नाबालिग बेटों की कस्टडी का मामला अदालत में है. अतीक की बहन शाहीन अहमद ने उन नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह में रखने का विरोध किया है. बहन शाहीन का कहना है कि अतीक के बेटों का स्वभाव अच्छा है. उनकी पढ़ने-लिखने में रुचि है.
अतीक की बहन ने अदालत में याचिका दायर करवाकर, ये भी कहा कि अतीक के दोनों नाबालिग बेटे अंग्रेजी बोलते हैं. उसने दोनों को ‘अच्छे बच्चे’ बताया. हालांकि, इस मामले में अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है और अब ये सुनवाई 3 अक्टूबर को हो सकती है. बता दें कि अतीक के दोनों बेटे प्रयागराज के सुधार गृह भेजे गए थे. तब से वे वहीं रह रहे हैं. खबरों में बताया गया था कि उन दोनों की उम्र क्रमश: 15 और 17 साल है.
पुलिस का कहना है कि दोनों को सुरक्षा कारणों बाल सुधार गृह के अन्य बच्चों से अलग रखा गया है. वहीं, इस संबंध में अधिकारियों का बयान सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि, काउंसलिंग के जरिए माफिया अतीक के दोनों नाबालिग बच्चों की सोच और व्यवहार को बदलने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, दोनों पढ़ने में अच्छे हैं. इसी वजह से दोनों की लगातार काउंसलिंग की जा रही है, ताकि ये दोनों अपने पिता या परिवार के अन्य सदस्यों जो कि अपराधों में शामिल थे, के पदचिह्नो पर न चलें और सोच अलग रखें.
बता दें कि बसपा विधायक राजू पाल के अहम गवाह उमेश पाल की हत्या मामले में अतीक अहमद के भाई अशरफ और उसके बेटे असद के साथ ही उसकी पत्नी और पूरे कुनबे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिसमें अशरफ और अतीक बदमाशों की गोली का शिकार हो गए तो वहीं उसका तीसरा बड़ा बेटा असद 13 अप्रैल को झांसी के पास एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. तो उसकी बीवी शाइस्ता परवीन फरार चल रही है. इसी बीच उसकी बहन ने बेटों की कस्टडी की मांग की थी.
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संवाददाता के अनुसार, दो हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजे गए बाल मामलों के विशेषज्ञ केसी जॉर्ज ने सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की थी. इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों (याचिकाकर्ता और यूपी सरकार) को रिपोर्ट सौंप दी थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी गई थी कि, बच्चे अच्छे में स्कूल में पढ़ते थे. अच्छी अंग्रेजी बोलते थे. ये बच्चे राज्य से बाहर जाना चाहते हैं.
अतीक अहमद की बीते 15 अप्रैल को प्रयागराज में उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब पुलिस उन्हें कहीं लेकर जा रही थी. उस दौरान अतीक और उसका भाई अशरफ पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे, तभी लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य नाम के हमलावर वहां आए और गोलियां चला दीं. तीनों हमलावरों को पुलिस ने वहीं गिरफ्तार कर लिया गया था. वे अभी प्रतापगढ़ की जिला जेल में बंद है और तीनों के खिलाफ 13 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.
-भारत एक्सप्रेस
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