महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद गुरुवार को देवेंद्र फडणवीस ने पहली प्रेस कांफ्रेस की. इस दौरान फडणवीस ने कहा, ‘भले ही हमारी भूमिकाएं बदल गई हों, लेकिन महाराष्ट्र के प्रति हमारी दिशा और प्रतिबद्धता बनी हुई है. अब यह एक टेस्ट मैच है… पूरे पांच साल का… चुनावी घोषणा-पत्र के सभी वादे पूरे किए जाएंगे. सरकार राज्य कल्याण के लिए पारदर्शिता के साथ काम करेगी… विपक्ष का सम्मान उनकी संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों के आधार पर करेगी.’
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार लड़की बहन योजना को जारी रखेगी. उन्होंने कहा, ‘हम लड़की बहन योजना को जारी रखेंगे… इसे बढ़ाकर 2100 रुपये करेंगे… हम लाडकी बहीण योजना को बरकरार रखेंगे… जो पात्र हैं उन्हें इसका हक मिलेगा.’
सरकार गठन में देरी पर क्या बोले
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘एकनाथ शिंदे बिल्कुल भी परेशान नहीं थे… जब मैंने उनसे उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने का अनुरोध किया, तो उन्होंने तुरंत इसे स्वीकार कर लिया. मुझे सरकार में रहने का पर्याप्त अनुभव है, लेकिन इस बार मेरे ऊपर राज्य के लोगों द्वारा दिए गए भारी जनादेश का दबाव है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि सरकार बनाने में कोई देरी हुई है हमें समझना होगा कि जब गठबंधन सरकार होती है तो कई फैसले लेने पड़ते हैं. गठबंधन की सरकार में बहुत बड़े पैमाने पर परामर्श करने पड़ते हैं और वो परामर्श हमने किया है और हमने पोर्टफोलियो भी लगभग तय कर लिया है, कुछ थोड़ा बचा हुआ है, हम वह भी कर लेंगे.’
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कौन सा मंत्रालय किसके पास रहेगा, यह अंतिम चरण में है और उसका निर्णय हम तीनों मिलकर करेंगे…हम पुराने मंत्रियों के काम का भी मूल्यांकन करेंगे और उसके आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, “आज मैंने जो पहला काम किया है, वो ये है कि मैंने मुख्यमंत्री राहत कोष से बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए एक मरीज को 5 लाख रुपए देने का फैसला किया है… इस बार जिस तरह का जनादेश हमें मिला है, मैं मानता हूं कि निश्चित रूप से उस जनादेश का दबाव है, लोगों के प्यार का दबाव है और मैं इसे महसूस करता हूं. जब अपेक्षाएं बड़ी होती हैं, तो चुनौती भी बड़ी होती है, क्योंकि लोगों को आपसे अपेक्षाएं होती हैं, तो निश्चित रूप से मुझ पर दबाव होता है और जहां तक राजकोषीय अनुशासन का सवाल है, हमें निश्चित रूप से इस पर काम करना होगा, क्योंकि हमने बहुत महत्वाकांक्षी योजना बनाई है…”
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित भव्य समारोह में दो उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ लेने के तुरंत बाद वह अपने दोनों डिप्टी सीएम के साथ राज्य सचिवालय पहुंचे और अपनी पहली कैबिनेट बैठक की.
पिछले ढाई साल से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शासन करने के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को देवेंद्र फडणवीस की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने की कड़वी गोली निगलनी पड़ी है. यह घटनाक्रम दोनों दलों के बीच गहन बातचीत के बाद ही संभव हो सका. शिंदे पद स्वीकार करेंगे या नहीं, इस बात पर सस्पेंस शपथ समारोह से केवल दो घंटे पहले ही खत्म हो सका, जब शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री उदय सामंत ने बताया, ‘एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.’ इससे पहले बुधवार (4 दिसंबर) को फडणवीस को सर्वसम्मति से महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ ग्रहण का मार्ग प्रशस्त हुआ.
-भारत एक्सप्रेस
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