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मनमोहन सिंह ने लड़ा सिर्फ एक लोकसभा चुनाव, कौन था वो नेता जिसने दी थी मात? यहां देखें परिणाम

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया और 1991 में वित्त मंत्री रहते हुए देश की आर्थिक दिशा बदलने में अहम भूमिका निभाई.

Manmohan Singh Congress

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. डॉ. सिंह को भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के लिए जाना जाता है, खासकर पीवी नरसिम्हा राव के शासनकाल में भारत के आर्थिक सुधारों के प्रमुख निर्माता के रूप में. वह लगभग 33 वर्षों तक राज्यसभा के सदस्य रहे, और उनके बारे में यह विशेष बात रही कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाने के बावजूद एक बार भी लोकसभा से नहीं चुने गए थे.

लोकसभा चुनाव में मिली थी हार

डॉ. मनमोहन सिंह ने 1999 में दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से अपनी पहली लोकसभा चुनावी चुनौती दी थी. इस चुनाव में उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के विजय कुमार मल्होत्रा से था, लेकिन वह इस चुनाव में जीतने में सफल नहीं हो पाए. उन्हें 2,31,231 वोट मिले थे, जबकि विजय कुमार मल्होत्रा ने 2,61,230 वोट प्राप्त किए थे. इस चुनाव में मनमोहन सिंह को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.

साल 1999 के चुनाव में कुल 12 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिनमें आठ निर्दलीय उम्मीदवार भी थे. इस चुनाव में मनमोहन सिंह को 19.04% वोट मिले थे, जबकि विजय कुमार मल्होत्रा को 21.51% वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद शरीफ थे, जिन्होंने 0.23% वोट हासिल किए थे.

लोकसभा चुनाव 1999: दक्षिणी दिल्ली सीट के नतीजे

 पार्टी  प्रत्याशी  वोट
 बीजेपी  विजय कुमार मल्होत्रा  261230
 कांग्रेस  डॉ. मनमोहन सिंह  231231
 निर्दलीय  मोहम्मद शरीफ  2846
 भारत दल  नरेंद्र नाथ शुक्ला  1021
 निर्दलीय  वेद प्रकाश  886
 निर्दलीय  दिनेश जैन  616
 निर्दलीय  घनश्याम दास  480
 निर्दलीय  प्रेमा  424
 निर्दलीय  जैनिस दरबारी  341
 निर्दलीय  जोगिंदर सिंह  322
 निर्दलीय  अशोक कुमार  284
 निर्दलीय  खैराती लाल  256

आर्थिक सलाहकार के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत

मनमोहन सिंह का राजनीतिक करियर 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शुरू हुआ था. इसके बाद, उन्होंने वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार और सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. उनके वित्त मंत्री बनने के बाद भारत ने 1991 में आर्थिक उदारीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनका प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक पड़ा. 2004 में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद सोनिया गांधी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया.

दुनियाभर के नेताओं ने व्यक्त किया शोक

मनमोहन सिंह ने 2009 में फिर से प्रधानमंत्री के रूप में चुनाव जीते, हालांकि उनके शासन में मुद्रास्फीति और भ्रष्टाचार के मामलों ने उनके प्रशासन को चुनौती दी. उनके निधन पर दुनियाभर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल शामिल हैं.

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जीवन और उनके योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस



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