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2025 @ Year of Reforms: सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करेगा रक्षा मंत्रालय, ‘सुधारों का साल’ कहलाएगा नववर्ष

2025 @ Year of Reforms: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के सभी सचिवों ने 2025 को “सुधारों का वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया. यह निर्णय रक्षा क्षेत्र में सुधारों और सैन्य तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है. इस बैठक में कई अहम योजनाओं और सुधारों की समीक्षा की गई, जो सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत और युद्ध के लिए तैयार बनाएंगी.

मंत्रालय का उद्देश्य देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना और भारत को वैश्विक रक्षा निर्यातक के रूप में स्थापित करना है. मंत्रालय ने 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है. इसके लिए अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा देने और भारतीय उद्योगों और विदेशी उपकरण निर्माताओं के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा.

सार्वजनिक-निजी भागीदारी, सुसंगतता बढ़ाना

रक्षा मंत्रालय ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है, ताकि रक्षा उत्पादन में दक्षता और नवाचार को बढ़ाया जा सके. मंत्रालय ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रियाओं को सरल और समयबद्ध बनाने के लिए कदम उठाए हैं, ताकि आवश्यकता के अनुसार त्वरित कार्रवाई की जा सके.

सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और साझेदारी

भारतीय सेना के आधुनिककरण में भी तेजी लाई जा रही है. मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए तेजस लड़ाकू विमान के उत्पादन और अधिग्रहण में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया है. इसके अलावा, सशस्त्र बलों के बीच तालमेल और एकजुटता बढ़ाने के लिए संयुक्त थिएटर कमांड की स्थापना पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

प्रौद्योगिकियों और युद्ध की रणनीतियों पर ध्यान

मंत्रालय ने साइबर, अंतरिक्ष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हाइपरसोनिक, और रोबोटिक्स जैसी नई प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया है. इन प्रौद्योगिकियों से भविष्य के युद्ध की रणनीतियों को बेहतर बनाने की दिशा में सुधार लाने की योजना है.

पूर्व सैनिकों की भलाई और योगदान

मंत्रालय का कहना है कि सुधारों का एक हिस्सा पूर्व सैनिकों की भलाई और उनके अनुभव का अधिकतम उपयोग करना होगा. उनके कल्याण उपायों को और अधिक सक्षम और प्रभावी बनाने की दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे.

‘सुधारों का वर्ष’ घोषित करना महत्वपूर्ण कदम

रक्षा मंत्रालय द्वारा 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित करना भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक रक्षा मंच पर इसे एक प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में भी मदद करेगा.

  • भारत एक्सप्रेस
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