ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (18th Pravasi Bharatiya Diwas) के अवसर पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार (7 जनवरी) को ओडिशा सरकार के साथ संयुक्त व्यापार सत्र को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रवासी भारतीयों की भूमिका, व्यापारिक अवसरों और ओडिशा के विकास पर विशेष जोर दिया.
डॉ. जयशंकर ने अपने संबोधन में ‘डबल इंजन’ विकास की अवधारणा पर प्रकाश डाला. उन्होंने इसे एक नई और सशक्त सोच बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से ओडिशा विकास के नए आयाम छू रहा है.
विदेश मंत्री ने ओडिशा के विकास में तीन प्रमुख स्तंभ, व्यापार, तकनीक और पर्यटन (3T) की भूमिका पर बल दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई “पूर्वोदय” योजना का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत तब सबसे मजबूत था जब पूर्वी भारत समृद्ध था. ओडिशा इस पुनरुत्थान का केंद्र बिंदु बन सकता है.
एस जयशंकर ने निवेशकों और प्रवासी भारतीयों को ओडिशा में व्यापार और निवेश के अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने राज्य की नेतृत्व टीम की सराहना करते हुए कहा कि यहां की राजनीतिक स्थिरता, निर्णय लेने की क्षमता और बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता निवेशकों को आकर्षित करने के लिए आदर्श है.
विदेश मंत्री ने प्रवासी भारतीयों को ‘जीवंत पुल’ करार दिया, जो भारत को दुनिया से जोड़ते हैं. उन्होंने कहा कि ओडिशा में व्यापार, तकनीकी नवाचार और पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं. यह सत्र ओडिशा के विकास और भारत के वैश्वीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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