दिल्ली के लिए निकले 101 किसानों के जत्थे को शंभू बॉर्डर पर रोक दिया गया. उन्हें राष्ट्रीय राजधानी की ओर आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई. पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने दावा किया कि उनके पास किसान यूनियनों द्वारा उपलब्ध कराई गई 101 किसानों के नामों की एक सूची है, लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसानों के नाम उस सूची में नहीं थे.
मौके पर तैनात हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, “हम पहले उनकी पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे जाने देंगे. हमारे पास 101 किसानों के नामों की एक सूची है, और वे यह लोग नहीं हैं. साथ ही, वे सामूहिक रूप से आगे नहीं बढ़ सकते क्योंकि स्थानीय (अंबाला) प्रशासन ने पैदल, वाहनों या किसी अन्य माध्यम से जुलूस निकालने पर रोक लगा दी है.”
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने शनिवार को एक दिन के लिए स्थगित करने के बाद दूसरे दिन अपना “दिल्ली चलो” मार्च शुरू किया, लेकिन भारी कंटीले तार वाले बैरिकेड्स से कुछ मीटर की दूरी पर उन्हें रोक दिया गया. बता दें कि किसान अपनी लंबित मांगों के समर्थन में मार्च कर रहे हैं, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, ऋण माफी और कृषि क्षेत्र में स्थितियों में सुधार के लिए सुधार शामिल हैं.
एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, “हरियाणा सरकार ने इस सीमा को भारत-पाकिस्तान सीमा की तरह बना दिया है.” किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में, घग्गर नाले पर स्थित अंतरराज्यीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिसकर्मियों ने किसानों को शांत करने की कोशिश की, मगर लोग यह तर्क देते नजर आए कि भारतीय होने के नाते उन्हें किसी भी नागरिक की तरह बिना अनुमति के राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च करने का अधिकार है.
मुख्य रूप से पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने शुक्रवार को अपना मार्च एक दिन के लिए टाल दिया क्योंकि उनका दावा है कि सुरक्षाबलों के साथ झड़प में उनमें से छह घायल हो गए. उन्होंने यह भी कहा कि वे सरकार से टकराव के बिना अपनी मांगों को लेकर केंद्र से बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन उन्होंने अपना विरोध फिर से शुरू करने का फैसला किया क्योंकि उन्हें केंद्र सरकार से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं मिला.
शंभू सीमा पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया को बताया कि उन्हें अपने मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत के लिए केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है और कहा कि 101 किसानों का एक समूह फिर से दिल्ली के लिए अपना मार्च शुरू करेगा. राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी सीमा के हरियाणा की ओर तैनात किया गया है.
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर जा रहे 101 किसानों के पहले जत्थे को आगे न बढ़ने के लिए कहा था और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया था. अर्धसैनिक बलों और पुलिस कर्मियों द्वारा कड़ी सुरक्षा में लगाए गए अस्थायी बैरिकेड्स पर चढ़कर उन्हें पार करने का प्रयास के बाद सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए कम से कम 50 आंसू गैस के गोले भी दागे थे.
अंबाला जिले के कुछ हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क मैसेज भेजने पर रोक लगा दी गई है. जिला अधिकारियों ने पहले ही पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं और प्रशासन के आदेश पर सरकारी और निजी स्कूल दिन भर के लिए बंद कर दिए गए हैं. व्यवधान को रोकने के लिए, हरियाणा पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर शंभू सीमा पर बहुस्तरीय बेरिकेड्स लगाकर पंजाब के साथ अंबाला की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी.
-भारत एक्सप्रेस
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