देश

“हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट है तुष्टिकरण की राजनीति”, सरदार पटेल की जयंती पर बोले पीएम मोदी

National Unity Day: भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की आज (31 अक्टूबर) जयंती है. जिसे पूरा देश मना रहा है. वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पहुंचकर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एकता नगर में इस भव्य प्रतिमा के ही दर्शन नहीं होते बल्कि उससे सरदार साहब के जीवन, त्याग और एक भारत के निर्माण में उनके योगदान की झलक भी मिलती है. इस प्रतिमा की निर्माण गाथा में ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिबिंब है.

“एकता दिवस राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है”

जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है. 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्यपथ पर परेड और 31 अक्टूबर को Statue Of Unity के सानिध्य में मां नर्मदा के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का ये मुख्य कार्यक्रम, राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं.

गुलामी की मानसिकता से निकल रहा भारत

पीएम ने आगे कहा कि भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है. गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है. IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है. इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, वहां अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है.

“जब सबका प्रयास होता है, तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता”

अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है. हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं. आज ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो भारत पा न सके. ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो हम भारतवासी सिद्ध न कर सकें. बीते 9 वर्षों में देश ने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है, तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता. देश की एकता के रास्ते में, हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट है- तुष्टिकरण की राजनीति.

“तुष्टिकरण से किसी समाज या देश का भला नहीं हो सकता”

प्रधानमंत्री ने तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों पर जमकर हमला बोला- उन्होंने कहा कि भारत के बीते कई दशक साक्षी हैं कि तुष्टिकरण करने वालों को आतंकवाद, उसकी भयानकता, विकरालता कभी दिखाई नहीं देती. तुष्टिकरण करने वालों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं हो रहा है. वो आतंकी गतिविधियों की जांच में कोताही करते हैं, वो देशविरोधी तत्वों पर सख्ती करने से बचते हैं. तुष्टिकरण की ये सोच इतनी खतरनाक है कि वो आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती है. ऐसी सोच से किसी समाज या देश का भला नहीं हो सकता.

यह भी पढ़ें- MP Election: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कर दिया बड़ा खेल! नामांकन से पहले सपा प्रत्याशी को ज्वॉइन करा दी बीजेपी

आज मेरे सामने लघु भारत का स्वरूप दिख रहा है. राज्य अलग है, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन यहां मौजूद हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है. 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्यपथ पर परेड और 31 अक्टूबर को Statue Of Unity के सानिध्य में मां नर्मदा के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का ये मुख्य कार्यक्रम, राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

Recent Posts

साल 1916, जब इंसानों ने जंजीर से बांध कर टांग दी अपनी चेतना, अमेरिका का ये काला इतिहास झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

22 minutes ago

Delhi: LG ने की CM Atishi की तारीफ, Kerjiwal से इतने गुना बेहतर भी बता दिया

दिल्ली में Aam Aadmi Party की सरकार शासन और नौकरशाही पर नियंत्रण से जुड़े कई…

24 minutes ago

केस दर्ज होने के खिलाफ AMU में छात्रों का प्रदर्शन, छात्र संघ चुनाव कराने की मांग पर अड़े

AMU छात्र नेता सलमान गौरी ने कहा, जिन बच्चों का सस्पेंशन किया है उन्हें बहाल…

1 hour ago

‘व्यापार और भारत पर इसका कोई असर नहीं होगा’, अमेरिका में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों पर बोले अधिवक्ता विजय अग्रवाल

Gautam Adani Indictment In US: दिल्‍ली में नामचीन क्रिमिनल लॉयर एडवोकेट विजय अग्रवाल ने उद्योगपति…

2 hours ago

BGT Perth Test: टीम इंडिया 9वीं बार विदेशी सीरीज में पहले ही दिन हुई ऑल-आउट

Border-Gavaskar Trophy: भारतीय टीम पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल 150 रन बनाकर ऑल-आउट…

2 hours ago