PM Narendra Modi In Kalki Dham Sambhal: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यूपी के संभल में कल्कि धाम का शिलान्यास किया. इस दौरान उनके साथ सीएम योगी और कल्कि धाम के महंत आचार्य प्रमोद कृष्णम भी मौजूद थे. शिलान्यास के बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज यूपी की धरती से भक्ति और अध्यात्म की धारा प्रवाहित हो रही है. इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार के 10 साल के काम गिनाएं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में वो सभी काम हुए जो मेरे पहले की सरकारों ने मेरे लिए छोड़ दिए थे.
इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर अपने चिर-परिचित अंदाज में बिना किसी का नाम लिए निशाना साधा. उन्होंने आचार्य जी की बात का जिक्र करते हुए कहा कि आचार्य जब मुझे शिलान्यास कार्यक्रम का निमंत्रण देने आए तब उन्होंने कहा मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं हैं. ये भावनाएं हैं. उसी बात का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा अच्छा हुआ आचार्य जी आपने भावनाएं दीं वरना आज जमाना तो ऐसा आ गया है कि सुदामा श्रीकृष्ण के पोटली चावल का लोग वीडियो बना लेते और सुप्रीम कोर्ट चले जाते. और फिर कोर्ट का जजमेंट आता है भगवान श्रीकृष्ण भ्रष्ट हैं.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान भगवान राम का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि रामलला के विराजमान होने का अनुभव अलौकिक है. इस बीच देश से सैकड़ों किलोमीटर दूर अरब की धरती पर पहले हिंदू मंदिर के हम सभी लोग साक्षी बने हैं. पीएम ने कहा कि ऐसे सभी कार्य सिद्ध हो रहे हैं जो कल्पना से परे हैं. काशी का कायाकल्प हो रहा हैं. इस काल में महाकाल के महालोक की माया भी देखी है. आज तीर्थों का विकास हो रहा है.
आज देश भर में काॅलेज, स्कूल, हाॅस्पिटल बन रहे हैं. विदेशी निवेश भारत में आ रहा है. ये सब कुछ परिवर्तन का प्रमाण है. समय का चक्र भी लगातार घूम रहा है. बता दें कि इस मंदिर का शिलान्यास कांग्रेस से निष्कासित किए गए नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम करवा रहे हैं. कल्कि धाम में आज कई संत और जाने-माने लोग शामिल हुए हैं. पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कई बार आचार्य जी की जमकर तारीफ कीं.
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बता दें कि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बाॅन्ड पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया था. इसके साथ ही कोर्ट ने एसबीआई को आदेश जारी कर सभी पार्टियों के इलेक्टोरल बाॅन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देने की बात कही थी. वहीं चुनाव आयोग 13 मार्च को इस डेटा को पब्लिक फोरम में डालेगा. गौरतलब है कि मोदी सरकार 2017 में इलेक्टोरल बाॅन्ड स्कीम लेकर आई थी. इस योजना के जरिए कंपनी से लेकर कोई भी व्यक्ति राजनीतिक दलों को 1 हजार करोड़ का चंदा बाॅन्ड के जरिए दे सकता था. इस के तहत दान देने वाले की जानकारी गुप्त रखी जाती थी. याचिकाकत्ताओं और सुप्रीम कोर्ट को इसी पर आपत्ति थी.
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