शरद-अजीत में NCP को लेकर झगड़ा.
Sharad Pawar’s petition in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में आज चुनाव आयोग के एनसीपी को लेकर किए फैसले पर सुनवाई होगी. 6 फरवरी को चुनाव आयोग ने अजीत पवार गुट को असली एनसीपी बताया था. इसके साथ ही आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह घड़ी और नाम अजीत पवार गुट को दे दिया था. ऐसे में इस मामले में आज जस्टिस सूर्यकांत, केवी विश्वनाथन, दीपांकर दत्ता की बेंच आज इस मामले की सुनवाई करेगी.
16 फरवरी को शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की अर्जेंट सुनवाई के लिए कहा था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. शरद पवार गुट के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि 20 फरवरी को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है ऐसे में अजीत गुट की ओर से विधायकों के लिए व्हिप जारी किया जा सकता है. ऐसे में मामले की तुरंत सुनवाई की जानी चाहिए.
6 महीने तक हुई थी सुनवाई
बता दें कि चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को 6 महीने तक सुनवाई के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह घड़ी अजीत गुट को दे दी थी. वहीं आयोग ने शरद पवार गुट को तीन नाम सुझाए थे. जिसमें से पार्टी ने एनसीपी शरद चंद्र पवार नाम दिया था. वहीं चुनाव आयोग के फैसले के बाद शरद पवार ने 11 फरवरी को इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिसने पार्टी की स्थापना की उसके हाथ से पार्टी किसी ओर को सौंपी गई. मुझे विश्वास है कि लोग अभी भी भावनाओं से मुझसे जुड़े हैं. लोग आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे. इसलिए हमने फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है.
विधायकों की अयोग्यता मामले में सुनाया था फैसला
वहीं विधायकों की अयोग्यता मामले में भी विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाते हुए विधायकों को अयोग्य मानने से इंकार कर दिया था. बता दें कि अजीत पवार के पास 41 विधायकों का समर्थन है. जुलाई 2023 में अजीत पवार शरद पवार की एनसीपी तोड़कर भाजपा की अगुवाई वाली महायुति सरकार में शामिल हो गए थे.
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