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Lawrence Bishnoi का जेल में इंटरव्यू लेने के मामले में पंजाब सरकार का बड़ा एक्शन, DSP समेत 7 पुलिसकर्मी सस्पेंड

लॉरेंस विश्नोई (Lawrence Bishnoi) का जेल में इंटरव्यू लेने के मामले में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए DSP (स्पेशल ऑपरेशन सेल) गुरशेर संधू  समेत 7 अन्य पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. 3 अप्रैल 2022 को  लॉरेंस के साक्षात्कार के समय वो सीआईए पुलिस स्टेशन, खरड़ में बंद था. ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंशन का ये आदेश राज्य के गृहविभाग के प्रमुख सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह की ओर से जारी किया गया है.

पंजाब मानवाधिकार आयोग के विशेष DGP परबोध कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट के बाद 7 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया. इसके आधार पर पंजाब सरकार ने इन पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश जारी किया.

इन धाराओं में दर्ज है मामला

बिश्नोई के इंटरव्यू के मामले में पंजाब पुलिस ने 5 जनवरी 2024 को पुलिस स्टेशन स्टेट क्राइम, फेज 4, मोहाली में IPC की धारा 384, 201, 202, 506, 116, 120-बी और जेल अधिनियम 1894 की धारा 46 (जिसे बाद में जेल पंजाब संशोधन अधिनियम 2011 की धारा 52(1) से बदल दिया गया) के तहत FIR दर्ज की थी.

सस्पेंड अधिकारियों के नाम और पद

       1. डीएसपी गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन, SAS Nagar)

       2. डीएसपी समर वनीत (SAS Nagar)

       3. सब इंस्पेक्टर रीना (सीआईए खरड़ में तैनात, SAS Nagar)

       4. सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (एजीटीएफ में तैनात, SAS Nagar)

       5. सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (जीटीएफ, SAS Nagar)

       6. एएसआई मुखत्यार सिंह (SAS Nagar)

       7. हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश (SAS Nagar)

SIT ने जांच की रिपोर्ट राजस्थान पुलिस को सौंपी

एसआईटी ने जांच के बाद राजस्थान पुलिस को सबूत सौंप दिए हैं, जिसमें यह दावा किया गया है कि जयपुर सेंट्रल जेल में रहते हुए लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू  लिया गया था. जांच में पाया गया कि इस इंटरव्यू में जेल अधिकारियों की मिलीभगत थी. पहले इस मामले में जयपुर में केस दर्ज किया गया, लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि असल में लॉरेंस का इंटरव्यू पंजाब की जेल में हुआ था. अब इस मामले में पंजाब सरकार द्वारा कार्रवाई की जा रही है.

निलंबित कर्मी डीजीपी कार्यालय में रहेंगे तैनात

गृह सचिव आईएएस गुरकीरतकिरपाल सिंह ने शुक्रवार देर शाम अपने आदेश में कहा कि निलंबित कर्मी चंडीगढ़ में डीजीपी कार्यालय में तैनात रहेंगे और सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना स्टेशन नहीं छोड़ेंगे. उन्हें नियमानुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 21 दिसंबर 2023 को आईपीएस प्रबोध कुमार की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट को सौंपी.

-भारत एक्सप्रेस

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