Rae Bareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पर एक प्राइवेट नर्सिंग होम के डॉक्टर की लापरवाही से दो साल के मासूम की ज़िंदगी तबाह हो गयी है. वह ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. नौबत ये आ गई है कि अब एम्स के डॉक्टर जिंदगी बचाने के लिए उसका हाथ काटने की सलाह दे रहे हैं, जिससे पूरा परिवार अपने बच्चे के लिए तड़प रहा है. वहीं बच्चे के हाथ की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें साफ दिख रहा है कि बच्चे का हाथ बुरी तरह से सड़ गया है.
मामला रायबरेली के नेहरू नगर स्थित निजी नर्सिंग होम सत्यम हॉस्पिटल से सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, चंद रुपयों के लालच ने भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर को हैवान बना कर रख दिया है. खबर सामने आई है कि लालगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव निवासी सुरेंद्र शर्मा के 2 साल के मासूम बच्चे राघव को निमोनिया होने के कारण 13 जून 2023 को प्राइवेट सत्यम हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. यहां पहुंचने के बाद बच्चे को कई इंजेक्शन लगाए गए, जिससे हाथ में इंफेक्शन हो गया है गैंग्गरीन रोग फैल गया. इंफेक्शन फैलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जबरन मरीज के परिजनों से मरीज ले जाने का नोट लिखा लिया और उसे अस्पताल से बाहर कर दिया.
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बच्चे के पिता ने बताया कि जब बच्चे के हाथ में इंफेक्शन फैल गया तो यह बात उन्होंने डॉक्टरों को बताई. इस पर आश्वासन देते हुए डाक्टरों ने कहा कि परेशान ना हो ठीक हो जाएगा, लेकिन एक-दो दिन बाद भी जब कोई लाभ नहीं मिला तो फिर डाक्टरों से कहा तो उन्होंने उनको बच्चे के साथ भगा दिया. जिसके बाद पिता मासूम बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकता रहा. इसके बाद जब पिता ने बच्चे को एम्स रायबरेली में दिखाया तो डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के हाथ मे गैंग्गरीन रोग फैल चुका है. जिसकी वजह से उसका हाथ काटना पड़ेगा. जिसका इलाज यहां संभव नहीं है.
इस पूरी घटना के बाद पीड़ित बच्चे के पिता सुरेंद्र शर्मा ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की. जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए एसीएमओ व एसडीएम के नेतृत्व में टीम बनाकर मामले की जांच करके विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसी के साथ मामले की जांच करने के लिए एसीएमओ डॉ अरविंद अस्पताल पहुचे और अभिलेख के साथ साथ मरीजों और डॉक्टरों से पूछताछ कर मामले की जांच शुरू कर दी है. एसीएमओ डॉक्टर अरविंद का कहना है कि प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आ रही है. जांच करने के बाद पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी. इसी के साथ जिलाधिकारी ने ये भी भरोसा दिलाया है कि अस्पताल के विरुद्ध जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं अपने बचाव में ज़िम्मेदार अस्पताल के डॉक्टर केएस सिंह ने कहा है कि हमने इलाज में कोई लापरवाही नही बरती है. इसी के साथ ये भी खबर सामने आ रही है कि कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए सत्यम हॉस्पिटल के प्रशासन ने जुगत भिड़ानी शुरू कर दी है.
-भारत एक्सप्रेस
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