Ayodhya Ram Mandir: 500 साल के लम्बे इंतजार के बाद रामलला अपने जन्म स्थान पर विराजमान हो चुके हैं. इस पल को देखने के लिए आज बड़ी संख्या में राम भक्त अयोध्या पहुंचे थे, जो अयोध्या नहीं जा सके वह दिन भर टीवी से चिपके रहे और लाइव कार्यक्रम का प्रसारण देखते रहे. इस मौके पर यूपी की राजधानी लखनऊ में कई बड़े आयोजन हुए तो वहीं राम भक्तों ने रैली निकाल कर इस ऐतिहासिक पल की खुशी का इजहार किया. 23 जनवरी से रामलला की दिनचर्या को भी सेट कर लिया गया है. चूंकि रामलला पांच साल के बालक के रूप में इसलिए उनकी देखभाल बिल्कुल एक बच्चे की तरह ही की जाएगी.
तो वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से रामलला के जगने से लेकर विश्राम तक का शेड्यूल जारी कर दिया गया है. ट्रस्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, रामलला को हर घंटे फल-दूध का भोग लगेगा. हर रोज सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक मंदिर खुल जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या को देखते हुए मंदिर में दर्शन की अवधि 14 से 15 घंटे रखने की उम्मीद जताई जा रही है. 23 जनवरी से राम मंदिर में रामलला की पूजा का विधान तय कर लिया गया है. इसके लिए श्री रामोपासना नाम से संहिता बनाई गई है. नियम के तहत सुबह तीन बजे से पूजन और श्रृंगार की तैयारी होगी. चार बजे रामलला को जगाया जाएगा. पहले पांच बार आरती होती थी, आगे भी वैसे ही होगी.
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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने बताया कि, रामलला को हर घंटे फल-दूध का भोग लगेगा. हर रोज सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक मंदिर खुलेगा. प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या को देखते हुए मंदिर में दर्शन की अवधि 14 से 15 घंटे की जा सकती है. इस सम्बंध में मंदिर के पुजारियों ने बताया कि, 1949 में प्रकट हुए श्री रामलला के वस्त्रों का रंग दिन के अनुसार रहा है. इसलिए ये परंपरा नए मंदिर में जारी रहेगी. यानी दिन के हिसाब से ही रामलला वस्त्र धारण करेंगे. रामलला सोमवार को सामान्य दिनों में सफेद वस्त्र धारण करते हैं, लेकिन विशेष अवसर पर पीले वस्त्र धारण करेंगे.
ट्रस्ट ने जानकारी दी कि, भगवान राम मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को हल्का पीला या क्रीम कलर, शनिवार को नीला और रविवार को गुलाबी रंग के वस्त्र पहनेंगे. तो वहीं नये रामलला के बालरूप विग्रह के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने पुणे के हैरिटेज एंड हैंडवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट से हथकरघे पर वस्त्र तैयार करवाए हैं. इनकी बुनाई में देश के 10 से 15 लाख कारीगर शामिल रहे हैं.
मालूम हो कि, प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद अब 23 जनवरी से राम मंदिर में रामलला की पूजा-अर्चना का पूरा शेड्यूल तय किया गया है. इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में करीब 3 बजे से गर्भगृह की स्वच्छता का कार्य शुरू हो जाएगा. इसके बाद पूजन और श्रृंगार की तैयारी होगी और फिर 3.30 से 4 बजे के करीब, तय समय पर भगवान के दोनों विग्रह और श्रीयंत्र को मंत्रों से जगाया जाएगा. इसके बाद मंगला आरती होगी. फिर विग्रहों का अभिषेक, श्रृंगार भोग होगा. इसके बाद शृंगार आरती होगी. जो कि सुबह 4.30 से 5 तक होगी. इसके बाद सुबह आठ बजे से दर्शन शुरू होंगे. तो वहीं दोपहर, करीब एक बजे मध्याह्न में भोग आरती होगी और फिर दो घंटे के लिए रामलला विश्राम करेंगे. इसलिए मंदिर पट बंद रहेंगे. दोपहर तीन बजे से दर्शन फिर शुरू होंगे, जो रात 10 बजे तक लगातार जारी रहेंगे. तो वहीं शाम को 7 बजे संध्या आरती होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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