देश

Ramlala Pran Pratishtha: ननिहाल के सुगंधित चावल से रामलला को लगेगा भोग… 300 टन चावलों से भरे 11 ट्रकों को रवाना करेंगे छत्तीसगढ़ CM

Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होगा और राम लला मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होंगे. तो वहीं देश के कोने-कोने से राम भक्त अपने रामलला के लिए विशेष सामग्री भेज रहे हैं. इसी क्रम में भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी राम मंदिर को लेकर खूब उत्साह दिखाई दे रहा है. इसी खुशी में छत्तीसगढ़ से कई टन सुगंधित चावलों का भंडार अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा. इसको लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय चावल से भरे ट्रेकों को आज हरी झंडी दिखाएंगे. बता दें कि मंदिर का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से होगा और देश भर के सैकड़ों वीवीआईपी कार्यक्रम में उपस्थित होंगे. भव्य कार्यक्रम को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त किया गया है.

बता दें कि जिस दिन रामलला की गर्भ गृह में प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी, उस दिन उनके ननिहाल के सुगंधित चावल से भोग लगााय जाएगा, जो कि छत्तीसगढ़ से भेजे गए हैं. इसके लिए पूरे राज्य से चावल एकत्र किए गए हैं. आज राजधानी रायपुर में स्थित राम मंदिर में चावल अर्पण कार्यक्रम रखा गया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 11 ट्रक में 300 टन चावल अयोध्या भेजेंगे. इसके लिए राज्य के राइस मिलर्स एसोशिएशन ने राम मंदिर में कार्यक्रम की पूरी तैयारी कर ली है. कार्यक्रम को देखते हुए एसोशिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ भगवान राम का मामा पक्ष है. इस लिहाज से छत्तीसगढ़ श्री राम का ननिहाल हुआ. मायरू स्वरूप 300 टन चावल अयोध्या भेजा जा रहा है. ये चावल राम लला को लगने वाले भोग और भंडार के लिए उपयोग होंगे. ये चावल आर. बी. गोल्ड किस्म का है.

ये भी पढ़ें- अयोध्या में आकार ले रही हैं 50 हज़ार करोड़ की परियोजनाएं, सभी सड़कें 4 लेन होंगी, रामायण संग्रहालय और भव्य ऑडिटोरियम भी होगा

राजा दशरथ ने किया था राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या से विवाह

मालूम हो कि, जहां एक ओर भगवान राम की कर्मस्थली के रूप में अयोध्या को माना जाता है तो वहीं उनकी तपोस्थली छत्तीसगढ़ को माना जाता है. यहां पर उन्होंने 10 साल से ज्यादा वनवास काटा था. रायपुर से 27 किलोमीटर दूर चंद्रखुरी में भगवान राम की माता कौशल्या की जन्म स्थली है, जहां मां कौशल्या की गोद में रामलला बैठे हैं. रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाता था. राजा दशरथ ने दक्षिण कौशल के राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या से विवाह किया था. इसी के दक्षिण कौशल का अयोध्या से रिश्ता जुड़ गया था. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना जाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये भी है कि, देश में एकमात्र कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ में है. इसलिए छत्तीसगढ़ में भगवान राम को भांजे के रूप में माना जाता है और यही वजह है कि छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना जाता है और राज्य में लोग भगवान राम को भांजा का रिश्ता मानते है और ठीक उसी तरह उनको पूजते हैं, जैसे अयोध्या में उनकी पूजा की जाती है.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

दिल्ली हाईकोर्ट ने RSS सदस्य शांतनु सिन्हा पर दर्ज मानहानि के मामले में BJP नेता अमित मालवीय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…

4 hours ago

अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…

4 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…

4 hours ago

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

6 hours ago

जब एक हाथी को भीड़ के सामने दे दी गई थी फांसी, अमेरिका का ये काला इतिहास आपको झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

7 hours ago