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UP News: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बेटी का फर्जी अकाउंट बनाने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज, सपा नेत्री ने किया चौंकाने वाला खुलासा

UP News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की बेटी का सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाने वाले पर रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है. लखनऊ के गोमतीनगर पुलिस स्टेशन में सपा नेत्री रमा यादव की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है. अपनी शिकायत में सपा नेत्री ने कहा है कि “अभिषेक यादव नाम के लड़के ने अखिलेश यादव की बेटी की फोटो लगाकर उनका फेक अकाउंट बनाया है.”

बता दें कि सपा नेत्री रमा यादव ने अभिषेक पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल का आरोप भी लगाया है. मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. इस मामले में एडीसीपी ने बताया कि पुलिस टीम अभिषेक का पता लगाने का प्रयास कर रही है. इसके साथ ही अभिषेक यादव का अकाउंट बंद कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

बता दें कि आरोपित के खिलाफ आईटी एक्ट के अंतर्गत धारा 67 के तहत कार्रवाई की गई है. सोशल मीडिया पर अभिषेक यादव नामक युवक ने अखिलेश यादव की बेटी की फोटो को बतौर प्रोफाइल इस्तेमाल किया है और अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया है.

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अखिलेश के बच्चे नहीं रहते हैं सोशल मीडिया पर

जहां एक ओर अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव दिखाई देते हैं और अपने हर काम की छोटी-बड़ी अपडेट देते रहते हैं और अपनी उपलब्धियों की जानकारी अपने अकाउंट से पोस्ट कर उसकी जानकारी जनता को देते रहते हैं, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अखिलेश के बच्चे सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहते हैं. सपा नेत्री ने ये चौंकाने वाला खुलासा किया है और कहा है कि उनके बच्चों के नाम से सोशल मीडिया पर कोई वास्तविक अकाउंट नहीं है. जो भी अकाउंट चलाए जा रहे हैं, वो सब फर्जी है. इसको लेकर पार्टी पहले ही सफाई दे चुकी है. ये सारे अकाउंट फर्जी हैं और इनका अखिलेश के बच्चों से कोई लेना देना नहीं है. बता दें कि अखिलेश यादव के तीन बच्चे हैं. बेटे का नाम अर्जुन है और दोनों बेटियां अदिति और टीना हैं.

जानें क्या है सजा का प्राविधान

सुप्रीम कोर्ट एटवोकेट अजय अग्रवाल के मुताबिक धारा 67 आईटी एक्ट 2000 – अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित या पारेषित करने के लिए दंड देने का प्राविधान किया गया है. जो कोई, इलेक्ट्रॉनिक रूप में, ऐसी सामग्री को प्रकाशित या पारेषित करता है अथवा प्रकाशित या पारेषित कराता है, जो कामोत्तेजक है या जो कामुकता की अपील करती है या यदि इसका प्रभाव ऐसा है जो व्यक्तियों को कलुषित या भ्रष्ट करने का आशय रखती है जो सभी सुसंगत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उसमें अंर्तविष्ट या उसमें आरुढ़ सामग्री को पढ़ने, देखने या सुनने की संभावना है, पहली दोषसिद्धि पर, किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से, जो पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा,दंडित किया जाएगा और दूसरी या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में, किसी भी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी, जो दस लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडित किया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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