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चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने से SC का इनकार, अब 21 मार्च को होगी मामले की सुनवाई

SC On Election Appointment: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिका पर शीर्ष अदालत ने आज (15 मार्च) सुनवाई की. इस दौरान SC ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 21 मार्च की तारीख तय की है.

नियुक्तियों पर रोक लगाने से SC का इनकार

कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान SC ने 2023 के कानून के तहत नए चुनाव आयुक्तों (EC) की नियुक्तियों पर रोक लगाने से मना कर दिया, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चयन पैनल से बाहर रखा गया था. जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि EC के चयन के लिए एक बैठक पहले से तय की गई थी, इस तथ्य को दर्शाते हुए एक अलग आवेदन दायर करें. पीठ ने 2023 के कानून के अनुसार की गईं नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि हम अंतरिम आदेश के माध्यम से किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं.

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याचिकाकर्ता के वकील बोले- SC के फैसले की अवहेलना हुई

कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि जब कोई फैसला सुनाया जाता है तो कोई उल्लंघन नहीं हो सकता. उन्होंने तर्क दिया कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम 2023 में स्पष्ट उल्लंघन हुआ है.

ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू चुनाव आयुक्त नियुक्त

बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को गुरुवार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया. इनका चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा किया गया. चुनाव आयोग में दो रिक्तियां 14 फरवरी को अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और पिछले हफ्ते अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद उत्पन्न हुई थीं.

कांग्रेस नेता जया ठाकुर और राजनीतिक दलों की पारदर्शिता को लेकर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम-2023 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

जया ठाकुर की याचिका में शीर्ष अदालत से एक निर्देश की मांग की गई है, जिसमें केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले में निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है, जो यह निर्धारित करता है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) और विपक्ष के नेता की समिति द्वारा की जानी चाहिए.

दिसंबर 2023 में संसद द्वारा पारित मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम में प्रभावी रूप से चयन समिति के तीन सदस्यों में से एक के रूप में सीजेआई के स्थान पर एक कैबिनेट मंत्री को नियुक्त करने का प्रावधान है, जिसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

Prakhar Rai

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