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पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान या राजनीति? मनमोहन सिंह के स्मारक पर केंद्र-कांग्रेस आमने-सामने

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है. यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी.

Manmohan Singh

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है. यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी. शुक्रवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने की मांग की थी.

गृह मंत्री अमित शाह ने कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस अध्यक्ष और डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकार स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी. स्मारक के निर्माण से संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए एक ट्रस्ट का गठन भी किया जाएगा.

Amit shah

डॉ. मनमोहन सिंह: सुधारों के प्रमुख सूत्रधार

92 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की. उनके कार्यकाल को आर्थिक सुधारों और शांतिपूर्ण प्रशासन के लिए याद किया जाता है.

कांग्रेस ने उठाए सवाल, सरकार पर लगाए आरोप

कांग्रेस ने सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाया. पार्टी ने कहा कि अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए स्थान तय न करना देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान है.

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, “डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार एक ऐसे स्थान पर होना चाहिए, जहां उनकी विरासत को सम्मानित करने के लिए स्मारक बनाया जा सके. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अब तक इस पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पाई है.”

कांग्रेस का आक्रोश जारी

कांग्रेस ने सरकार पर जानबूझकर अपमान करने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि डॉ. सिंह की ऐतिहासिक उपलब्धियों और सेवा को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है. पार्टी ने इसे उनके वैश्विक कद के अनुरूप सम्मान न देने का मामला बताया. डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान देश के इतिहास में अमूल्य है. उनका शांत और सादगीपूर्ण नेतृत्व हमेशा प्रेरणा देता रहेगा.


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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार गहराया विवाद

संजय सिंह ने जताई नाराजगी

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर राजघाट परिसर में जगह न दिए जाने पर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला किया है.

संजय सिंह ने कहा, “सबसे ज्यादा अफसोस की बात है कि ऐसे मुद्दे पर भी हमें बात करनी पड़ रही है. यह सरकार की ओछी और छोटी सोच को दिखाता है.”

संजय सिंह ने सवाल उठाया कि अब तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट परिसर में हुआ है, लेकिन इस बार ऐसा क्यों नहीं किया गया. उन्होंने बीजेपी को “छोटी मानसिकता वाली पार्टी” बताया.

निगमबोध घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

शनिवार को डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया. हालांकि, कांग्रेस ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है. पार्टी ने इसे जानबूझकर किया गया अपमान बताया और जल्द ही स्मारक स्थल आवंटित करने की मांग की.

लालू यादव और मायावती की प्रतिक्रिया

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह को यह सम्मान मिलना चाहिए. देश को उनके जैसा नेता कभी नहीं मिलेगा. मैं उनकी सरकार में मंत्री था और उन्हें बहुत करीब से जानता था.”

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार उनकी और उनके परिवार की इच्छा के अनुसार वहां किया जाना चाहिए, जहां वे चाहते हैं. इसके लिए किसी भी प्रकार की राजनीति करना अनुचित है.”

देश और सिख समाज की भावनाओं का सम्मान करने की अपील

मायावती ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार और सिख समाज की भावनाओं का सम्मान करे और जल्द से जल्द उनके स्मारक स्थल का निर्माण करे. उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों पर राजनीति करना उचित नहीं है.

डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान की मांग तेज

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार और स्मारक स्थल के मुद्दे पर विवाद बढ़ता जा रहा है. देशभर से राजनीतिक नेताओं ने उनके योगदान और सम्मान की वकालत की है. अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है.

-भारत एक्सप्रेस



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