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Supreme Court ने सभी VVPAT पर्चियों की गिनती कराने संबंधी याचिका पर चुनाव आयोग और केंद्र से जवाब मांगा

EVM VVPAT: सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों में सभी वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पेपर पर्चियों की पूरी गिनती की मांग वाली याचिका पर बीते सोमवार (1 अप्रैल) को भारत के चुनाव आयोग और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर याचिकाओं पर ध्यान देते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया.

याचिका में आयोग के दिशानिर्देशों को भी चुनौती दी गई है कि वीवीपीएटी सत्यापन क्रमिक रूप से किया जाएगा, यानी एक के बाद एक, जिससे अनावश्यक देरी होगी.

याचिका में कहा गया है, ‘अगर एक साथ सत्यापन किया जाता है और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में गिनती के लिए अधिक अधिकारियों को तैनात किया जाता है, तो पूरा वीवीपैट सत्यापन 5-6 घंटों में किया जा सकता है.’

याचिका में क्या कहा गया

याचिका में आगे कहा गया है कि केंद्र ने लगभग 24 लाख वीवीपैट की खरीद पर लगभग 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन वर्तमान में केवल लगभग 20,000 वीवीपैट की पर्चियां सत्यापित हैं.

याचिका में आगे कहा गया है, ‘यह देखते हुए कि वीवीपैट और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के संबंध में विशेषज्ञों द्वारा कई सवाल उठाए जा रहे हैं और यह तथ्य कि अतीत में ईवीएम और वीवीपैट वोटों की गिनती के बीच बड़ी संख्या में विसंगतियां सामने आई हैं, यह जरूरी है कि सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाए और मतदाता को अपनी वीवीपैट पर्चियों को भौतिक रूप से मतपेटी में डालने की अनुमति देकर यह सत्यापित करने का अवसर दिया जाए कि मतपत्र में डाला गया उसका वोट भी गिना जाता है.’

बाद में अदालत ने नोटिस जारी किया और इसे इस मुद्दे पर लंबित मामलों के साथ टैग कर दिया.

VVPAT क्या है

वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं.

इसे भारत में पहली बार 2014 के लोकसभा चुनावों में पेश किया गया, VVPAT, ईवीएम से जुड़ी एक मतपत्र-रहित प्रणाली है, जो एक पेपर स्लिप प्रिंट करती है, जब कोई मतदाता ईवीएम पर उम्मीदवार के नाम और उस पार्टी के प्रतीक के सामने अपना वोट डालता है.

जैसे ही मतदाता ईवीएम पर बटन दबाता है, वीवीपैट मशीन उस पर्ची को प्रिंट कर देती है, जिसमें उस पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न होता है, जिसे उन्होंने वोट दिया है. मशीन में एक पारदर्शी खिड़की भी है जहां मतदाता मुद्रित पर्ची देख सकता है. इसके बाद पर्ची मशीन के एक सीलबंद डिब्बे के अंदर चली जाती है.

शीर्ष अदालत ने 8 अप्रैल 2019 को चुनाव को एक संसदीय क्षेत्र में प्रति विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट भौतिक सत्यापन से गुजरने वाली ईवीएम की संख्या एक से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया था.

-भारत एक्सप्रेस

Prakhar Rai

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