CLEA International Conference 2024: राष्ट्रमंडल विधिक शिक्षा संघ (सीएलईए) का “कानून और प्रौद्योगिकी: सतत परिवहन, पर्यटन और प्रौद्योगिकीय नवाचार” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई सहित अन्य शामिल हुए. उद्घाटन समारोह के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने वायनाड भूस्खलन के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत फंड में राहत योगदान दिया जाएगा.
ए.जी. ने सचिदानंद पांडे बनाम पश्चिम बंगाल राज्य में सुप्रीम कोर्ट के 1987 के फैसले का हवाला दिया. “आप किसी पेंटिंग को उसकी सुंदरता को नष्ट किए बिना खरोंच नहीं सकते”. वहीं, समारोह में मौजूद केरल उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए मुहम्मद मुस्ताक ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि मैं इस सम्मेलन के आयोजन के लिए कुमारकोम को चुनने के लिए आयोजकों को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जो एक बहुत ही उपयुक्त स्थान है. आज जब हम इस विषय पर चर्चा करेंगे तो वायनाड में भूस्खलन हम सभी के लिए एक गंभीर अनुस्मारक बना रहेगा.
CLEA के अध्यक्ष डॉ. एस शिवकुमार ने कहा कि आज हम इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, जहाँ तेजी से आगे बढ़ रही तकनीक के साथ-साथ सतत विकास की आवश्यकता भी है. यह सम्मेलन केवल एक अकादमिक अभ्यास नहीं है. यह कार्रवाई का आह्वान है. हमारी सफलता का सही मापदंड यह होगा कि हम किस हद तक एक अधिक न्यायपूर्ण, टिकाऊ और समतावादी समाज बनाने में सक्षम हैं. हालांकि, इस समारोह में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को भी शामिल होना था, लेकिन अस्वस्थता के चलते वो शामिल नहीं हो पाए.
-भारत एक्सप्रेस
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