वोडाफोन, आइडिया और एयरटेल की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. AGR ने यह क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर पर टेलीकॉम कंपनियों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया लिमिटेड सहित अन्य सभी टेलीकॉम कंपनियों को 92,000 करोड़ रुपये का सांविधित भुगतान करने का निर्देश दिया था. वोडाफोन, आइडिया को एजीआर बकाए के तौर पर 54000 करोड़ रुपए, जबकि भारतीय एयरटेल को 43000 करोड़ रुपए का भुगतान करना है.
कुल मिलाकर दूरसंचार कंपनियों को सरकार को 1.47 लाख करोड़ रुपए का एजीआर बकाए का भुगतान करना है. लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क की गणना एजीआर के आधार पर की जाती है. वोडाफोन, आइडिया और भारती एयरटेल जुर्माना व ब्याज को लेकर निराश है, जिसको लेकर उनके अस्तित्व पर सवालिया निशान लग रहे हैं.
टेलीकॉम विभाग की ओर से यह बकाया अक्टूबर 2019 में लगाया गया था. इसमें 25 फीसदी हिस्सा केवल प्रिंसिपल कम्पोनेंट और बाकी हिस्सा ब्याज, पेनाल्टी और पेनाल्टी पर ब्याज का है. बता दें कि वोडाफोन, आइडिया ने 25 जून 2021 को दूरसंचार सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि वह समायोजित सकल राजस्व की बकाया राशि के भुगतान में नकदी का इस्तेमाल होने और काफी सस्ती कीमतों की स्थिति में जरूरी नकदी का सृजन करने में अपने परिचालन के नाकाम होने की वजह से नौ अप्रैल 2021 को देय 8292 करोड़ रुपये की किश्त का भुगतान नहीं कर पायेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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