Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोप में गिरफ्तार विभव कुमार की ओर से दायर याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. विभव कुमार ने गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई के दौरान विभव कुमार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि इस मामले में जांच अधिकारी को यह देखना चाहिए था कि उसमें गिरफ्तारी की जरूरत है या नहीं, उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत है या नहीं, उसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा था कि अर्नेश कुमार के फैसले के आधार पर गिरफ्तारी को चुनौती दी जा सकती है.
विभव के वकील ने कहा था कि गिरफ्तारी से पहले गिरफ्तारी का आधार और वजह आरोपी को नहीं बताया गया. गिरफ्तारी के आधार को लिखित में दर्ज करना होगा. अपराध प्रक्रिया की धारा 41 A के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है. विभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए मुआवजे की मांग की थी. विभव कुमार ने अपनी याचिका में कहा था कि गिरफ्तार करते समय अपराध प्रक्रिया की धारा 41 A का पालन नहीं किया गया है. विभव कुमार फिलहाल पुलिस हिरासत में है. घटना 13 मई की है. दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज किया था.
हालांकि दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय जैन ने कहा था कि उनकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. अभियुक्त ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष गिरफ्तारी के दिशा-निर्देशों का पालन न करने का तर्क दिया और इसके लिए एक अलग आवेदन दायर किया गया था, जिसपर मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे की आकस्मिक गिरफ्तारी के कारणों का उल्लेख किया गया था और इसलिए, 20 मई को एक आदेश दिया गया था. जो पारित हो गया है और इसका उल्लेख यहां नहीं किया गया है और इसे गंभीरता से लिया जाएगा.
बता दें कि विभव कुमार ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में विभव कुमार ने जमानत की मांग करते हुए कहा है कि मेरी गिरफ्तारी अवैध है. विभव ने कहा है कि मुझे जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया है. उन्होंने जबरन कस्टडी में रखने के लिए मुआवजे की भी मांग की है.
विभव कुमार के खिलाफ आरोप है कि उसने 13 मई को मुख्यमंत्री केजरीवाल के सरकारी आवास पर स्वाति मालीवाल पर हमला किया था. उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले तीस हजारी कोर्ट ने कुमार को 7 जून को जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं. ऐसी आशंका है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. विभव कुमार की पहली जमानत याचिका 27 मई को एक अन्य सत्र अदालत ने खारिज कर दी थी. उनके खिलाफ FIR 16 मई को दर्ज की गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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