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“नहीं सही है बटन खुलने का आरोप…” कोर्ट में बोले विभव कुमार के वकील, दिल्ली पुलिस ने कहा, आरोपी के फोन को मुम्बई में किया गया फॉर्मेट

Swati Maliwal Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के मामले में गिरफ्तार विभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट के डियूटी मजिस्ट्रेट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार की 7 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने रिमांड अर्जी पर जिरह के दौरान कहा कि विभव कुमार को गिरफ्तार किया गया है. मौजूदा महिला सांसद को विभव कुमार ने बुरी तरह से पीटा, पिटाई के दौरान उनके बटन भी खुल गए, DVR की मांग हमने की, हमे कुछ CCTV फुटेज मिले.

दिल्ली पुलिस ने कहा हमने आरोपी का फोन मांगा, जिसका पासवार्ड हमको नहीं दिया गया, फोन को मुंबई में फॉर्मेट किया गया है, विभव कुमार ने बताया कि उसका फोन हैंग हो गया था. दिल्ली पुलिस ने कहा आज भी यह मुख्यमंत्री के आवास पर गए. विभव कुमार मुख्यमंत्री के साथ 2015 से काम कर रहे थे, जिसका मकसद सबूतों को नष्ट करना था. दिल्ली पुलिस ने कहा कि फोन को मुंबई में फॉर्मेट किया, फोन फॉर्मेट करने से पहले डाटा का क्लोन किया जाता है, हमको विभव कुमार को मुंबई लेकर जाना है.

दिल्ली पुलिस को नहीं मिला फोन का पासवर्ड

दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि अभी तक हमको फोन का पासवर्ड नहीं दिया है, इसलिए मोबाइल को ओपन करने के लिए एक्सपर्ट को देना होगा, बिना उसकी मौजूदगी के यह संभव नहीं है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि महिला सांसद को पीटने की क्या वजह थी, यह पता लगाने के लिए विभव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की ज़रूरत है.

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किसी के बुलाने पर नहीं गई थीं मुख्यमंत्री आवास पर

वही विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा कि 13 तारीख की घटना है, FIR 16 मई को दर्ज की गई, इसका कोई क्लेरिफिकेशन नहीं दिया गया. 13 मई से पहले वह कब मुख्यमंत्री के आवास पर गई, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं दिया गया है. विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा अपनी मर्ज़ी से मुख्यमंत्री के आवास पर गई किसी के बुलाने पर नहीं गई, 13 तारीख से पहले कब गई इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया, 13 तारीख को जाने का मकसद क्या था इसके बारे में भी नहीं बताया गया है.

स्वाति आधिकारिक समय पर मिलने नहीं गई थीं

विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा चुनाव का समय चल रहा है, मुख्यमंत्री की व्यस्तता होती है, वैसे भी उनको अंतरिम जमानत सीमित समय के लिए मिली हुई है. विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा जिस समय स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री के आवास पर मिलने गई, वह किसी से मिलने का आधिकारिक समय नहीं है. विभव के वकील का आरोप है कि स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री के दफ्तर नहीं गई, उनके आवास गई और ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठ गईं. विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा 112 की कॉल पर दिल्ली पुलिस तुरंत रिस्पॉन्स करती है, दिल्ली पुलिस को कॉल पर जो बताया उस पर तुरंत एफआईआर नहीं दर्ज कराई.

अगर किसी को चोट लगी होती है तो…

विभव कुमार के वकील ने कहा, अगर किसी को चोट लगी होती है तो वह तुरंत पुलिस से मेडिकल हेल्प मांगता है और उसको अस्पताल ले जाया जाता है, यहां पर पुलिस के आने का इंतज़ार तक नहीं किया गया. ऐसा हो ही नहीं सकता है कि सिविल लाइन के एरिया में 112 की कॉल पर कोई रिस्पांस नहीं किया जाए और वह खाली चली जाए क्योंकि वहां पर मुख्यमंत्री का आवास है, LG का ऑफिस है. मीडिया में मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलने की वीडियो चल रही है जिसमे वह शर्ट नही कुर्ती पहने हुई है, बटन खुलने की आरोप सही नहीं है.

नहीं सही है मारने की बात

वकील ने आगे कहा कि सेंट्रल टेबल पर सर मारने की बात भी सही नहीं है. विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा दिल्ली पुलिस तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है. अगर वाकई शरीर में दर्द होता तो फिर इस मसले पर राजनिति / मीडिया में बयानबाजी नहीं होती. 112 की जो कॉल होती है उसको रिकॉर्ड किया जाता है और जो अधिकारी उसको अटेंड करने जाता है उसका भी रिकॉर्ड होता है, PCR कॉल की रिकॉर्ड में दिल्ली पुलिस एक एक चीज़ स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड की जाती है. अगर किसी को चोट लगी होती है तो उसका मेडिकल रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है. अगर कोई चोट होती है तो उसको मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल भेजा जाता है.

दिल्ली पुलिस ने जताई आपत्ति

विभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा वह SHO से मिली लेकिन अगर कोई उनके शरीर पर गहरी चोट थी तो SHO ने कोई मेडिकल शीट क्यों नहीं बनाई. इतना मारने पर उनकी मौत हो सकती थी, लेकिन उन्होंने कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं लिया, ऐसा कैसे हो सकता है. मुख्यमंत्री ऑफिस का CCTV कैमरा दिल्ली पुलिस के अधीन है. इस पर दिल्ली पुलिस ने आपत्ति जताते हुए कहा कि CCTV कैमरा PWD के अधीन है. दरअसल राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल द्वारा विभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद ही यह एहसास हो गया था कि पुलिस आज नहीं तो कल उनको गिरफ्तार कर लेगी. यही कारण है कि विभव कुमार ने पुलिस से गिरफ्तार ना करने की गुहार लगाई थी.

विभव ने दिल्ली पुलिस से किया अनुरोध

पुलिस ने विभव कुमार पर जिन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है उसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. विभव कुमार ने कहा कि मेरे खिलाफ एफआईआर होने की जानकारी मीडिया से मिली है, लेकिन अभी तक पुलिस से कोई नोटिस नही मिला है. मैं जांच अधिकारी के बुलाए जाने पर किसी भी जांच में सहयोग करने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं. 13 मई की घटना को लेकर मैने सिविल लाइंस के एसएचओ और नार्थ दिल्ली के डीसीपी को एक शिकायत मेल की है. विभव ने दिल्ली पुलिस से अनुरोध किया है कि उसकी भी शिकायत पर संज्ञान ले और कानून के अनुसार मामले की जांच करें.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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