प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूसीसी पर दिए गए बयान पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. पीएम मोदी बीते मंगलवार (27 जून) को भोपाल में मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि एक घर दो कानून नहीं चल सकते तो देश में दो कानून कैसे चल सकते हैं. अब इस बयान पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मोर्चा खोल दिया है. वहीं बीजेपी भी ने भी ओवैसी पर पलटवार किया है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि ओवैसी को संविधान इसलिए समझ में नहीं आता क्योंकि वह संविधान से पहले कुरान पढ़ते हैं.
दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के बयान पर हमला बोलते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री इस सिविल कोड के जरिए हिंदू सिविल कोड की बात कर रहे हैं, जिससे वह पूरे इस्लामिक प्रैक्टिस को गैर-कानूनी करार दे सकें और उन पर रोकथाम लगा सकें. ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी से ये भी पूछा था कि क्या आप इस देश में प्लुरलिज्म और डायवर्सिटी को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं.
ओवैसी के अलावा पीएम मोदी के यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पर दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस, आरजेडी ने भी आलोचन की है. विपक्ष ने पीएम पर भारत के सेक्युलरिज्म को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हमला बोलते हुए कहा कि पीएम मोदी कुछ भी बोल सकते हैं, लेकिन वह महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर हिंसा पर कुछ नहीं बोलेंगे. उन्हें इन मुद्दों पर भी बोलना चाहिए. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अगर यूसीसी लागू होता है तो आदिवासियों की संस्कृति और उनकी पंरपराओं का क्या होगा ?
-भारत एक्सप्रेस
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