भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi) ने अयोध्या और कन्नौज में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के मामले को लेकर राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि एक समय सपा के बड़े नेता ने कहा था कि लड़कों से गलती हो जाती है, लेकिन आज ‘दो लड़कों’ (कांग्रेस और सपा) के साथ के लोग गलती नहीं, अपराध कर रहे हैं और जिस अनुपात में इन दोनों की ताकत (लोकसभा चुनाव में) बढ़ी है, अपराधियों की हिम्मत और हिमाकत भी उसी अनुपात में बढ़ती नजर आ रही है.
त्रिवेदी ने कहा, ‘मरहूम मुख्तार अंसारी सपा से जुड़े थे और जब पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी तो वह कहते थे कि मैं पंजाब की जेल में रहना चाहता हूं, यूपी की जेल में नहीं. यानी पंजाब सरकार की दामन-ए-रहमत में वह अपने आप को महफूज महसूस करते थे. तो इससे समझ में आता है कि अपराधियों को लेकर इन दोनों दलों के बीच में, कांग्रेस और सपा, इन दोनों लड़कों के बीच में कैसी दुरभि संधि है.’
दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हम सबने देखा कि किस प्रकार समाजवादी पार्टी (सपा) के एक नेता मोईद खान पर नाबालिग के साथ बलात्कार का आरोप लगा और उस पर निर्लज्जता के साथ राजनीति की गई. उसके बाद कन्नौज में एक बार फिर सपा से जुड़े एक नेता पर ही नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रयास का गंभीर आरोप लगा है.
त्रिवेदी ने सपा नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अपराध एक तरफ है, लेकिन अपराध के प्रति संवेदनहीनता उससे बड़ा गंभीर विषय है. आरोपी के अखिलेश यादव और डिंपल यादव के करीबी होने की बात भी सामने आ रही है.
उन्होंने कहा कि सपा की एक नेता ने ये स्वीकार किया है कि कन्नौज का आरोपी उनकी पार्टी का पूर्व नेता है, लेकिन इसके साथ ही बहुत ही संवेदनहीन और अशोभनीय बयान भी दिया कि 15 साल की वह लड़की कौन सी नौकरी प्राप्त करने के लिए रात को गई थी. ये सपा की असली फितरत और इस प्रकार के अपराधियों को कवर फायर देने की सीमा को दर्शाता है.
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भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अपराध को ही सपा का डीएनए बताते हुए विपक्षी गठबंधन पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जांच को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जिस प्रकार से वहां के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को हटाया गया और 24 घंटे के अंदर ही दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया, इससे यह साफ हो गया है कि बंगाल में दुखद, जघन्य और दुर्दांत घटना के अपराधियों को किस तरह से बंगाल की सरकार संरक्षण दे रही है.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का रवैया बेनकाब हो गया है और इससे उनकी सरकार की जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहा है. ममता बनर्जी इसे सीबीआई जांच के लिए तुरंत क्यों नहीं ट्रांसफर कर रही है? आखिर वे ज्यादा समय क्यों चाहती हैं.
उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इंडी गठबंधन के लोग अपराध की घटनाओं में एक दूसरे को पॉलिटिकल क्राइम कवर फायर देने का काम कर रहे हैं.
सुधांशु त्रिवेदी ने फारूक अब्दुल्ला के बयान की भी तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह दौर देश के प्रति दुर्भावना की भावना रखने वालों के लिए खौफ का दौर है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी का लक्ष्य देश में आर्थिक अराजकता फैलाना है. विदेशी कंपनियों से आखिर यह उनका कौन सा याराना है?
-भारत एक्सप्रेस
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