Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गृहकर के बड़े बकायेदार सावधान हो जाएं, क्योंकि अब प्रशासन उनको सीलिंग व कुर्की का नोटिस भेजने जा रहा है. ये अभियान 16 फरवरी से शुरू कर दिया गया है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 के चलते एक लाख से अधिक बड़े गृहकर बकायेदारों के खिलाफ सीलिंग, कुर्की की कार्रवाई सुस्त चल रही थी, लेकिन गुरुवार से इस अभियान में तेजी लाई गई है.
बता दें कि इन्वेस्टर्स समिट और जी-20, दोनों प्रदेश के बड़े आयोजन थे, जिसमें सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी. इसी के चलते पिछले एक माह से निगम प्रशासन वसूली को लेकर सख्ती नहीं कर पा रहा था. 15 फरवरी को जी-20 सम्मेलन का समापन हुआ है, इसी के बाद सख्ती शुरू कर दी गई है. 385 करोड़ में से अब तक 260 करोड़ रुपये टैक्स की ही वसूली हो सकी है.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, चालू वित्तीय वर्ष के मूल बजट में नगर निगम ने गृहकर मद में 330 करोड़ रुपये आय का प्रावधान किया था, जिसे पुनरीक्षित बजट में 55 करोड़ बढ़ाकर 385 करोड़ रुपये कर दिया गया था. चालू वित्तीय वर्ष में अब 45 दिन ही बचे हैं और लक्ष्य के सापेक्ष 125 करोड़ रुपये गृहकर की वसूली शेष है.
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इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 सम्मेलन की तैयारी में अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगी होने के चलते नगर निगम की गृहकर वसूली की चाल गिरकर आधी हो गई थी. पिछले 15 दिन से रोजाना टैक्स वसूली 40 से 50 लाख के बीच ही हो रही है, जबकि पहले यह एक करोड़ के आसपास होती थी. ऐसे में इन दिनों निगम की आय कम हुई है.
नगर निगम प्रशासन ने बड़े बकायेदारों को लेकर तीन श्रेणियां बनाई हैं. पहले उन पर कार्रवाई होगी जो एक लाख या उससे ज्यादा के बकायेदार हैं. इसके बाद एक लाख से 50 हजार रुपये, फिर 50 हजार से 20 हजार रुपये तक के बकायेदारों को रखा गया है. जोनल अधिकारी नरेंद्र वर्मा ने सभी राजस्व निरीक्षकों को आदेश जारी कर इन सभी बकायेदारों को 20 फरवरी तक कुर्की-सीलिंग का नोटिस जारी करने को कहा है.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक शहर के टॉप टेन बडे़ बकायेदारों में अंसल एपीआई कॉलोनी स्थित सेंट्रम होटल भी शामिल है, जहां जी-20 सम्मेलन चल रहा है. उस पर 3.69 करोड़ रुपये टैक्स बकाया है. बकायेदारों में सबसे ऊपर डॉ. एमसी सक्सेना का नाम भी शामिल है. बताया जा रहा है कि नगर निगम के जोन छह में इनके इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज पर कुल 7.38 करोड़ रुपये टैक्स बकाया है. इनके अलावा टॉप टेन बकायेदारों में डेस्टिनी रिटेल डेवलपर्स गोमती नगर पर 2.24 करोड़, चीफ पोस्ट मास्टर्स जरनल पर 2.21 करोड़, एक्सो स्टैंडर्ड आयल कॉर्पोरेशन पर 2.50 करोड़, सचिव नगर विकास प्राधिकरण पर 1.90 करोड़ और निदेशक एसजीपीआई पर 1.83 करोड़ रुपये बकाया है.
-भारत एक्सप्रेस
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