UP News: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने व्यक्तिगत जीवन की कुछ बातें एक साक्षात्कार के दौरान शेयर की और इस दौरान अपने पिता से हुई मुलाकात का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका परिवार कभी भी उनसे मिलने के लिए नहीं आया. उन्होंने पिता से हुई अंतिम मुलाकात का जिक्र भी किया है, जो कि भावुक कर देने वाला है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया है कि, उनकी अपने पिता से आखिरी मुलाकात नजीमाबाद में एक चीनी मिल के उद्घाटन समारोह के दौरान हुई थी. पिता से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि उनकी पिता से कई सालों से मुलाकात नहीं हुई थी. मुख्यमंत्री बनने के बाद वह नजीमाबाद में एक चीनी मिल के उद्घाटन समारोह में गए थे. वह मंच से भाषण दे रहे थे कि उसी दौरान भीड़ में उनकी नजर अपने पिता पर गई. इस पर जब सभा समाप्त हुई तो उन्होंने सहयोगियों से पिता को बुलाने के लिए कहा और उसी दौरान उनकी पिता से आखिरी मुलाकात हुई थी. इसी दौरान उन्होंने ये भी बताया कि सीएम बनने के बाद उनसे मिलने के लिए उनका परिवार कभी नहीं आया.
योगी ने अपने जीवन से जुड़ी भावुक कर देने वाले पलों का जिक्र करते हुए बताया कि कोरोना की पहली लहर के दौरान उनके पिता का निधन हुआ था. उन्होंने आगे बताया कि लॉकडाउन होने के कारण वह पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे. उन्होंने परिवार के बंधन के सवाल पर कहा कि कोई बंधन नहीं हैं. वह मनुष्य पहले हैं और उसके बाद योगी हैं. उन्होंने कहा कि एक योगी के रूप में समाज के प्रति जो मेरे कर्तव्य है उनका निर्वहन करूं, धर्म को सेवा का माध्यम बनाऊं, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है.
सीएम ने साक्षात्कार के दौरान अपने वस्त्र को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए कहा कि, राजनीति में कोई ड्रेस कोड नहीं हैं. भगवा वस्त्र को लेकर सीएम ने कहा कि ये वेषभूषा इसलिए है कि लोगों की दृष्टि में हमेशा बने रहें. हमारे विचलन में लोग उंगली भी उठा सकें और विपरीत परिस्थिति में साथ भी खड़े हो सकें. उन्होंने आगे कहा कि इसलिए इस प्रकार की वेषभूषा को चुनौती के रूप लिया जाता है.
सीएम ने वंदेमातरम का विरोध करने वालों पर निशाना साधा. महाराष्ट्र विधानसभा में एक मुस्लिम विधायक की ओर से वंदे मातरम का विरोध किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश संविधान से चलेगा मत मजहब से नहीं. आपका मत आपके घर, आपकी मस्जिद तक होगा. सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं होगा. साथ ही उन्होंने नेशन फर्स्ट है की बात कही और कहा कि यदि देश में रहना है तो उसे राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा, मजहब बाद में है.
-भारत एक्सप्रेस
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