उत्तर प्रदेश के 11 नगर निगमों में अब ‘ना थ्रो-ना थ्रो’ ट्रिपल आर सेंटर स्थापित किए जाएंगे. इन केन्द्रों के माध्यम से आप अपने घरों की निष्प्रयोज्य सामग्री जैसे कपड़े, किताबें, खिलौने, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक उपकरण, मशीनरी आदि दे सकेंगे. नगर निगम इनको एकत्रित कर जरूरतमंदों को वितरित करेगा. इन केन्द्रों को कपड़ा बैंक, किताब बैंक, बर्तन बैंक, खिलौना बैंक के रुप में विकसित किया जाएगा. स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) द्वारा मेरी लाइफ, मेरा स्वच्छ शहर अभियान के तहत रिड्यूस, रियूज एंड रिसायकल के सिद्धांत पर इन ट्रिपल आर सेंटर की स्थापना की जाएगी.
बकौल नेहा शर्मा, राज्य मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) प्रदेश के 11 नगर निगमों को इस अभियान से जोड़ा गया है. आगामी 20 मई से 5 जून, 2023 तक इनका संचालन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ट्रिपल आर (रिड्यूस, रियूज एवं रिसायकल) ना थ्रो-ना थ्रो सेंटर की अवधारणा नागरिकों, संस्थानों, वाणिज्यिक उद्यमों आदि के लिए अप्रयुक्त या उपयोग की गई प्लास्टिक की वस्तुओं, कपड़े, जूते, किताबें और खिलौनों को जमा करने के लिए एक स्टॉप समाधान के रूप में हैं. एक बार एकत्र किए जाने के बाद इन वस्तुओं को पुनः उपयोग के लिए नवीनकृत करने या नए उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर को सौंप दिया जाएगा.
स्वच्छ कनेक्ट के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह, जन प्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग, स्टूडेंट्स, सर्विस क्लास समेत समाज के अन्य वर्गों को भी जोड़ा जाएगा. चयनित 11 नगर निगमों में नगर निगम लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, आगरा, गाजियाबाद, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद एवं सहारनपुर शामिल हैं.
ट्रिपल आर सेंटर का संचालन सम्बंधित नगर निगम द्वारा वालंटियर्स के माध्यम से किया जाएगा. इन केन्द्रों पर वस्तुओं को एकत्रित करने से लेकर वितरण के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, स्वयं सहायता समूह समेत अन्य संगठनों को जोड़ने की व्यवस्था की गई है. कोई भी व्यक्ति अपने घर के निष्प्रयोज्य वस्तुओं को उपलब्ध करा सकता है. घरों से निष्प्रयोज्य वस्तुओं के क्लेक्शन के लिए ना थ्रो- ना थ्रो रथ सभी चयनित 11 नगर निगमों में चलाए जाएंगे. इन रथों के माध्यम से ट्रिपल आर सेंटर के प्रचार प्रसार के साथ निष्प्रयोज्य वस्तुओं को एकत्रित करने का कार्य भी किया जाएगा।.
ओडीओपी योजना के अन्तर्गत प्रदेश की सभी जिलों में कुछ विशेष उत्पाद तैयार किए जाते हैं, इस प्रक्रिया में निकलने वाले अपशिष्ट को भी रिसायकल करके विशेष उत्पाद (waste to wonder) तैयार किए जाने का भी फैसला लिया गया है. सभी नगरों की अपनी एक अलग पहचान भी है, लखनऊ के कान्हा उपवन में गोबर बैंक की शुरुआत की जाएगी और यहां आसपास के इलाकों से गोबर को इकट्ठा किया जाएगा. इनके इस्तेमाल से इकोफ्रेंडली उत्पाद तैयार किए जाएंगे. इसी तरह लखनऊ नगर निगम में एक गुठली बैंक स्थापित किया जाएगा, यहां आम जैसे फलों की गुठली इकट्ठी की जाएंगी. इन्हें प्रदेश के नगरीय निकायों में स्वच्छ की गई लिगेसी वेस्ट साइट्स पर लगाया जाएगा.
लखनऊ की तरह ही कानपुर में कपड़ा बैंक, किताब बैंक, बर्तन बैंक, खिलौना बैंक के साथ फूल बैंक विशेष रूप से तैयार किए जाएगा. इस फूल बैंक में शहर के विभिन्न इलाकों से घरों, मंदिरों आदि में इस्तेमाल किए गए फूलों को इकट्ठा करके उनसे अगरबत्ती और दूसरी सामग्री तैयार की जाएंगी. नगर निगम मुरादाबाद में आईआईआई मोबाइल वैन की व्यवस्था की जा रही है. नगर निगम बरेली में निष्प्रयोज्य कपड़ों की कतरन से दरी बनाने का काम किया जाएगा. इसी तरह वाराणसी में वेस्ट से अगरबत्ती व हवन सामग्री, प्रयागराज में थैला बैंक, अलीगढ़ ताला इंडस्ट्री से निकलने वाले स्क्रैप को नया आकार देकर उत्पाद तैयार करने का भी फैसला लिया गया है.
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