Delhi Mayor Election: दिल्ली एमसीडी में स्थाई समिति के सदस्यों के चुनाव को लेकर देर रात जमकर हंगामा बरपा. एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच तीखी नोंक झोंक ने देखते ही देखते हिंसक रूप अख्तियार कर लिया. बीजेपी और आप पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई और एक-दूसरे के साथ हाथापाई करने लगे.
बुधवार को शुरू हुई सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित होने के बाद गुरुवार सुबह 5 बजे फिर शुरू हुई और शैली ओबेरॉय ने पार्षदों से मतदान करने के लिए कहा. इस बीच दोबारा से हंगामा शुरू हुआ और कार्यवाही को फिर से 1 घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा. उससे पहले, रात करीब 3.30 से 4 बजे के बीच MCD हाउस के बाहर हंगामा करने पर आप विधायक कुलदीप कुमार और कुछ अन्य पार्षदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
आप नेता आतिशी ने बीजेपी पार्षदों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मेयर शैली ओबेरॉय पर हमले की कोशिश की, जब वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार स्थाई समिति के चुनाव करा रही थीं. वहीं बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में जब आम आदमी पार्टी हारने लगी तो आम आदमी पार्टी के पार्षद हाथापाई करने लगे. ये लोकतंत्र के साथ भद्दा मज़ाक है.
इससे पहले दिन में महापौर और उप महापौर के पद पर आप के उम्मीदवारों के चुने जाने के बाद सदन को एक घंटे (शाम 4:20 बजे से शाम 5:20 बजे तक) के लिए स्थगित कर दिया गया था. हालांकि, जब कार्यवाही शुरू हुई, तो भाजपा पार्षदों ने मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन की अनुमति देने पर आपत्ति जताई. भाजपा सदस्य सदन के वेल में एकत्र हो गए और मेयर शैली ओबेरॉय के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. प्रदर्शनकारी पार्षदों ने मांग की कि मतदान केंद्र में किसी को भी अपने साथ अपना मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
मेयर ने उनकी मांग पर सहमति जताते हुए कहा कि वोट डालने के दौरान मोबाइल फोन की अनुमति नहीं दी जाएगी. हालांकि, भाजपा पार्षदों ने आगे मांग की कि मोबाइल फोन से पूर्व मतदान की अनुमति दी गई थी, जिसे रद्द किया जाना चाहिए. इस पर हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा. आप पार्षदों ने तर्क दिया कि मतपत्र सीमित संख्या में हैं और इसलिए किसी भी स्थिति में मतों को रद्द नहीं किया जा सकता.
सदन के बाहर आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर एमसीडी में चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “महापौर का चुनाव हारने के बावजूद भाजपा पार्षद चुनाव प्रक्रिया को बाधित कर और मनमानी मांग कर सदन में परेशानी पैदा कर रहे हैं.”
भारद्वाज ने जोर देकर कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने तीनों चुनाव (मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्य) को पहले सत्र में कराने का आदेश दिया है, स्थायी समिति के चुनाव से पहले सत्र समाप्त नहीं होगा. यह निश्चित है कि स्थायी समिति के चुनाव में भी जीत आप की होगी. इस बैठक में ही चुनाव होगा, भले ही सदन को पूरी रात चलाना पड़े.” उन्होंने कहा, “अभी हाल ही में एमसीडी के चुनाव हुए थे और चुनाव आयोग ने कहा है कि वोट डालने जाते समय कोई व्यक्ति अपने साथ अपना मोबाइल फोन नहीं ले जा सकता. मगर भाजपा सदस्य सोचते हैं कि वे चुनाव आयोग से ऊपर हैं.”
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आप नेता ने कहा, “हालांकि, मेयर ने उनकी मांग पर सहमति जताई और कहा कि वोट डालने के दौरान मोबाइल फोन की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके बाद भाजपा पार्षदों ने कहा कि पार्षदों द्वारा पहले से डाले गए 45 वोट एक बार फिर से डाले जा सकते हैं. सचिव ने कहा कि कुल 245 मतपत्र हैं और इसलिए किसी भी बिंदु पर फिर से मतदान की कोई संभावना नहीं है.”
-भारत एक्सप्रेस
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