UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या राजनीति का केंद्र बिंदु बनती दिखाई दे रही है. जहां एक ओर विपक्षी दल भाजपा पर राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं तो दूसरी ओर सत्ता प्रतिपक्ष नेता अखिलेश यादव खुद भी अयोध्या को भुनाने में जुटे हैं. भले ही वह योगी कैबिनेट के साथ राम मंदिर दर्शन के लिए न गए हों और राम मंदिर उद्घाटन पर भी निमंत्रण मिलने के बाद भी वह 22 जनवरी को अयोध्या नहीं गए लेकिन अयोध्या के प्रति अपनी आस्था दिखाते हुए सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट शेयर कर रहे हैं. एक ताजा पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने कही है, “सपा का काम, आस्था के नाम.” इसी के साथ ही उन्होंने अपनी सरकार के दौरान अयोध्या में किए गए कार्य से सम्बंधित एक लेख भी शेयर किया है.
बता दें कि इसी साल 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था और पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी. इसी के बाद यानी दूसरे दिन 23 जनवरी से रामलला के दर्शन के लिए राम मंदिर के पट आम जनता के लिए खोल दिए गए थे. तभी से मंदिर में लाखों भक्त दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं तो वहीं 22 जनवरी को हुए कार्यक्रम में देश विदेश के तमाम वीआईपी को आमंत्रित किया गया था. तभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी निमंत्रण दिया गया था लेकिन तब अखिलेश ने ये कह कर जाने से मना कर दिया कि मंदिर जाने के लिए किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं. इसी के साथ ये भी कहा था कि वह बाद में अपने परिवार के साथ मंदिर जाएंगे. साथ ही भाजपा पर राम मंदिर के नाम पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया था. तो वहीं मंदिर जाने की बात हाल ही में जब विधानसभा में बजट सत्र के दौरान उठी तो भी उन्होंने योगी कैबिनेट के साथ मंदिर जाने से इंकार कर दिया था और कहा था कि वह बाद में जाएंगे. हालांकि बार-बार अखिलेश द्वारा राम मंदिर न जाने को लेकर यूपी में सियासत तेज हो गई है. इस सम्बंध में भाजपा नेताओं व मंत्रियों की ओर से लगातार अखिलेश पर हमला बोला जा रहा है.
तो वहीं राम मंदिर न जाने को लेकर अखिलेश की लगातार छिछालेदर हो रही है और उनको सनातन विरोधी बताया जा रहा है. तो वहीं खुद पर सनातन विरोधी होने का ठप्पा लगते देख 13 जनवरी की सुबह ही अखिलेश ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स से एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है, “सपा का काम, आस्था के नाम.” इसी के साथ ही कई धर्मगुरुओं व कथावाचकों की तस्वीरें भी पोस्ट की गई हैं. इसी के साथ ही अखिलेश ने एक समाचार पत्र का लेख भी शेयर किया है, जिसमें अखिलेश के शासनकाल के दौरान अयोध्या में निर्मित कराए गए भजन संध्या स्थल के बारे में जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि, अखिलेश के समय में अयोध्या में भजन संध्या स्थल का निर्माण कराया गया था, जहां आज कथा का आयोजन किया जा रहा है.
मालूम हो कि 11 जनवरी को सीएम योगी ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ रामलला के दर्शन किए थे. इस मौके पर एनडीए विधायकों के साथ ही बसपा विधायक, कांग्रेस से आराधना मिश्रा, राजा भैया भी साथ में थे. 11 बसों से सभी मंत्री व विधायक राम मंदिर दर्शन के लिए गए थे. इस मौके पर अखिलेश यादव और उनके विधायकों के राम मंदिर न जाने पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था, “विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्य आज भगवान रामलला के दर्शन करने के लिए आए हैं. भगवान राम सबकी मनोकामना पूरी करें और तीसरी बार 400 पार के साथ प्रचंड बहुमत की मोदी सरकार देश में बने. सब लोग आनंदित हैं. जो नहीं आए हैं वो केवल सपा है और सपा मतलब सफा है.” तो वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा था, “समाजवादी पार्टी के चाल-चरित्र के बारे में सब जानते हैं. उन लोगों ने भारत की संस्कृति और प्रभु राम लला के प्रति हमेशा द्वेष भावना के तहत काम किया है. इन्हीं लोगों की सरकार में अयोध्या रक्तरंजित हुई थी, तो वे कैसे जा पाएंगे. हम सब भारत की जो सांस्कृतिक विरासत को और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.”
-भारत एक्सप्रेस
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