ईदगाह रोड पर स्थित कब्रिस्तान पर कथित अवैध निर्माण मामले में दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक़्फ बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
हालांकि कोर्ट ने कथित अवैध निर्माण पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है. यह याचिका मोहम्मद मजहर अहमद ने दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि यह स्थल एक अधिसूचित वक्फ संपत्ति है, जिसे धोखाधड़ीपूर्ण लेनदेन के माध्यम से अलग कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप कब्रों को अपवित्र करके अनधिकृत निर्माण किया गया है.
उन्होंने दावा किया कि अलगाव और उसके परिणामस्वरूप अवैध निर्माण वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 51, 52, 52ए तथा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 298 और 301 का उल्लंघन है उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 104ए वक्फ संपत्ति के किसी भी प्रकार के अलगाव पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाती है और इसलिए बिक्री विलेखों को रद्द करने की मांग की।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार गेडेला की पीठ ने शुरू में याचिकाकर्ता को मौखिक रूप से बताया कि न्यायालयों के पास पंजीकृत बिक्री विलेखों को रद्द करने का अधिकार नहीं है.
चूंकि याचिकाकर्ता इस प्रार्थना पर जोर न देने के लिए सहमत हो गया, इसलिए पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और प्रतिवादियों को अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया. पीठ ने कथित अवैध निर्माण पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया, लेकिन आदेश दिया कि संपत्ति के शीर्षक के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाएगी. मामला अब 11 नवंबर को सूचीबद्ध है.
-भारत एक्सप्रेस
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