जेपी इंस्टिट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (JIIT), नोएडा के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने बीते 28 अगस्त को ‘जैव प्रौद्योगिकी में परिवर्तनकारी नवाचार’ विषय पर नवाचार और उद्यमिता पर एक पैनल डिस्कशन आयोजित की. यह कार्यक्रम ‘जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप वैश्विक नवाचार में अग्रणी होने की भारत की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है, जो देश को आगे बढ़ाने में विज्ञान और अनुसंधान के महत्व पर जोर देता है.
ऐसे समय में जब नवाचार आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की कुंजी है, JIIT जैसे उच्च शिक्षा संस्थान युवा दिमागों में रचनात्मकता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इच्छुक हैं. संवाद और सीखने के लिए मंच प्रदान करके JIIT का जैव प्रौद्योगिकी विभाग अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों, जैव उद्यमियों और नेताओं को पोषित करने में सहायक रहा है.
पैनल में Core & Pure की सीईओ प्रियंका सचदेवा शामिल थीं, जिन्होंने आयुर्वेद और अरोमाथेरेपी के लाभों के बारे में बताया. Wholix India की संस्थापक पूर्वा शर्मा ने सस्टेनेबल लाइफ पर अंतर्दृष्टि प्रदान की, जबकि Ortislaw Offices की पार्टनर पूजा सूद ने बौद्धिक संपदा अधिकारों और पेटेंट कानूनों पर आवश्यक जानकारी प्रदान की.
जेआईआईटी में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख और प्रसिद्ध पर्यावरण जैव प्रौद्योगिकीविद् प्रो. पम्मी गौबा ने जीवन विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में भविष्य के नवाचारों को आगे बढ़ाने में उभरते वैज्ञानिकों की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने टिकाऊ समाधानों के माध्यम से वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने में बहु-विषयक कौशल के महत्व पर जोर दिया.
पैनल डिस्कशन की समन्वयक और मॉडरेटर प्रोफेसर विभा रानी और प्रोफेसर अश्विनी माथुर ने भारत के वैज्ञानिक और उद्यमशील परिदृश्य को आगे बढ़ाने में जैव प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी सफलताओं पर प्रकाश डाला और युवा दिमागों की क्षमता पर जोर दिया कि वे बदलाव ला सकते हैं और मेक इन इंडिया, वेस्ट टू वेल्थ, स्वच्छ भारत मिशन, जय विज्ञान, जय अनुसंधान और स्किल इंडिया सहित सरकारी पहलों के अनुरूप नए उत्पाद बनाने की दिशा में नई संभावनाओं की खोज कर सकते हैं ताकि राष्ट्र के विजन और मिशन ‘विकसित भारत’ को मजबूत किया जा सके.
बी.टेक, एम.टेक, एमएससी, बीसीए और पीएचडी जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों और डोमेन के छात्र अपनी समझ को समृद्ध करने और नए विचारों को सामने लाने के लिए इस इंटरैक्टिव सत्र में शामिल हुए. यह कार्यक्रम न केवल सीखने का अवसर था, बल्कि छात्रों के लिए अपने शैक्षणिक और पेशेवर जीवन में नवाचार को आगे बढ़ाने की प्रेरणा भी था.
-भारत एक्सप्रेस
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