नए साल के पहले दिन झारखंड की राजनीति में नई चर्चा भी शुरू हो गई है. चूंकि झारखंड के गांडेय विधानसभा सीट से झामुमो विधायक सरफराज आलम ने 31 दिसंबर 2023 को विधायकी पद से इस्तीफा दे दिया जिसे विधानसभा ने स्वीकार करते हुए लेटर भी जारी कर दिया है. लेकिन गांडेय विधायक के इस्तीफा ने झारखंड की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. हेमंत सोरेन सरकार को लेकर कई तरह की बातें राजनीतिक पार्टियों ने शुरू कर दी है.
इसी क्रम में बीजेपी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने एक्स पोस्ट से नई बहस को जन्म दे दिया है. दरअसल निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन सीएम पद से इस्तीफा देंगे और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्य की अगली मुख्यमंत्री होंगी. निशिकांत दुबे ने मुंबई हाईकोर्ट के एक जजमेंट का जिक्र करते हुए गांडेय सीट पर चुनाव नहीं होने की वजह बतायी है. उन्होंने कहा कि मुम्बई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा मामले में निर्णय के अनुसार अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता. काटोल विधानसभा जब महाराष्ट्र में ख़ाली हुआ, तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन बाकी था.
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इतना ही नहीं निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि राज्यपाल झारखंड को कानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ. सरफराज अहमद का इस्तीफा 31 दिसंबर को हुआ. एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता. यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं, शिबू सोरेन जी की है.
निशिकांत दुबे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट sr choudhary vs state of Punjab के अनुसार, यदि 6 महीने के अंदर कल्पना सोरेन जी विधायक नहीं बनती हैं तो वह मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले सकती हैं,और काटोल विधानसभा के लिए मुम्बई हाई कोर्ट के जजमेंट के अनुसार अब गांडेय या झारखंड के किसी भी विधानसभा का चुनाव नहीं हो सकता.राज्यपाल महोदय को कानूनी राय लेकर झारखंड के लुटेरों की मंशा को रोकना चाहिए यही प्रार्थना है.
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