हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनवा का बिगुल बज चुका है. इसी के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही हैं. प्रदेश में सत्ताधारी दल बीजेपी ने भी अपने प्रत्याशियों की पहली सूची घोषित की है, लेकिन इस लिस्ट में हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को उनके गृह निवास हमीरपुर से चुनावी मैदान में नहीं उतारा गया है जिस पर उनके बेटे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का दर्द आंसू बनकर मंच पर छलक पड़ा.
हिमाचल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को एक बार फिर उनके गढ़ हमीरपुर से चुनाव लड़ने से रोक दिया है. उनका टिकट इस बार काट लिया गया है. पहले संभावना जताई जा रही थी कि वो हमीरपुर या फिर सुजानपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन इन अटकलों के बीच दिन जब चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के चयन को लेकर जो चर्चा हुई है, उसमें ऐसी क्या वजह रही कि धूमल के चुनाव नहीं लड़ने की ऐलान हुआ इसकी कोई वजह अब तक साफ नहीं हैं.
अपने पिता और हिमाचल बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं नें से एक प्रेम कुमार धूमल के अपने होम टाउन हमीरपुर से चुनाव ना लड़ने पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर काफी भावुक नजर आए. सुजानपुर में एक रैली को संबोधित करने के दौरान ठाकुर के दिल का दर्द चेहरे पर आ गया और उनकी आंखे भर आई. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे कार्यकर्ता मिलना मुुुुुुश्किल है. मुझे कल से आप सबके फोन आ रहे हैं, मैं आप सब की भावनाओं को समझता हूं. आपकी भावना एक परिवार के सदस्य की भावना है.
उन्होंने कहा कि मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मैने हमीरपुर की धरती पर जन्म लिया है. आप ने छोटेे से जिले हमीरपुर से धूमल जी को प्रदेश का मुख्यमंत्री और मुझे 4 बार सांसद बनाया. इस दौरान अनुराग ठाकुर की आवाज भावनाओं से भरी हुई थी और चहरे पर मायूसी का भाव भी था कि उनके पिता इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.उन्होंने कहा कि, जब 2017 विधानसभा चुनाव के नतीजे आए उसके बाद चुनाव हारने के बाद भी धूमल जी घर नहीं बैैठे और एक आम कार्यकर्ता की तरह पार्टी औऱ जनता के लिए काम करते रहे. ऐसा इसलिए क्योंकि, हमीरपुर की जनता हमारा से हमारा रिश्ता बेहद अटूट है आपने हमें बहुत प्यार और सम्मान दिया है.
बता दें बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री के रुप में फिर से प्रोजेक्ट किया गया था, लेकिन उन्हें उनके होम टाउन हमीरपुर से टिकट न देकर सुजानपुर से प्रतायाशी बनाया गया था और वे राजेंद्र राणा से चुनाव हार गए थे. इस बार तो उन्हें किसी भी सीट से टिकट नहीं दी गई है. धूमल पहले बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री 1998 में बने थे. इसके बाद साल 2007 में भी जब बीजेपी की सरकार बनी तो प्रेम कुमार धूमल को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन 2017 में चुनाव हारने के बाद इस बार उनका टिकट कट गया है, जिसकी वजह से उनके समर्थक काफी मायूस हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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