ओखला से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा है. ईडी (ED) ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की है. याचिका में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के उस आदेश के चुनौती दी गई है, जिसमें कोर्ट ने विधायक अमानतुल्लाह को आरोपी बनाने और हिरासत से रिहा करने संबंधी ED की अभियोजन शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था.
ईडी की ओर से पेश विशेष वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि दिल्ली की ट्रायल कोर्ट के आदेश में दर्ज किया गया था कि अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मामला आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार है, लेकिन बिभु प्रसाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार कोर्ट ने मंजूरी की कमी के कारण संज्ञान देने से इनकार कर दिया था. बिभु प्रसाद मामले में दिए गए फैसले के मुताबिक, मंजूरी न मिलने का मुद्दा सुलझाया जा सकता है.
जुहैब हुसैन ने कहा कि इस मामले और बिभु मामले में अंतर है, क्योंकि यह आय से अधिक संपत्ति का मामला है न कि मनी लॉन्ड्रिंग का.
मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने कहा कि जब संज्ञान आदेश अस्वीकृत हो जाता है तो स्थिति क्या होती है. तब कोई सुनवाई नहीं होती. हुसैन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मंजूरी के मुद्दे पर कोई तर्क नहीं मांगा थ, फिर भी पूरा आदेश मंजूरी पर है. जस्टिस ओहरी ने कहा कि मंजूरी का मुद्दा आपके सामने है. मंजूरी के मुद्दे पर बहस होगी. आप अपना रुख अपनाएं.
वकील जुहैब हुसैन ने कहा कि उन्हें इस अपराध में जो मंजूरी मिली है, वह ईडी मामले को शामिल करने के लिए पर्याप्त व्यापक है. कोर्ट ने ईडी के वकील से ट्रायल कोर्ट के उस आदेश की आर्डर शीट पेश करने को कहा है, जिसे चुनौती दी गई है. कोर्ट 13 जनवरी को अगली सुनवाई करेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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