समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.
दोनों पर रामपुर नगर पालिका परिषद की सफाई मशीन को चोरी कराकर उसे जौहर यूनिवर्सिटी में मिट्टी में दफन किए जाने का आरोप है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ कई क्रिमिनल केस दर्ज है. इनका आपराधिक इतिहास रहा है. कई मामलों में इन्हें सजा भी मिली है. ऐसे में जमानत देने से केस का ट्रायल प्रभावित हो सकता है. साथ ही सबूतों से छेड़छाड़ कर गवाहों पर दबाव बना सकते हैं.
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के करीबी सालिम और अनवार की निशानदेही पर रामपुर पुलिस ने 19 सितंबर 2022 को जौहर यूनिवर्सिटी से नगर पालिका की रोड़ क्लीनर मशीन और उसके कटे हुए पार्ट्स बरामद किए थे. यह मशीन यूनिवर्सिटी कैंपस में दबाई गई थी. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. रामपुर जिला अदालत ने आजम खान सहित सभी को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2014 में इन व्यक्तियों ने अपनी ताकत का दुरुपयोग कर सरकार की सड़क साफ करने की मशीन चुराई थी जिसे रामपुर की नगर पालिका परिषद द्वारा खरीदा गया था. बाद में उक्त मशीन आजम खान के जौहर यूनिवर्सिटी के परिसर से बरामद की गई. आरोप है कि इस मशीन को जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन में गाड़ दिया गया था, जिसे राज्य की एजेंसी द्वारा जमीन खोदकर बरामद किया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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