जैसे-जैसे समय बदल रहा है वैसे-वैसे लोगों की लाइफस्टाइल भी पूरी तरह बदल रही है. बेहतर करिअर के लिए आजकल लड़कियां देर से शादी कर रही हैं. शादी में देरी मां बनने की राह में बाधा न बने इसके लिए युवतियां अपने अंडे फ्रीज करवा रही हैं. भारत के कई राज्यों में एग फ्रीजिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है. इसी बीच एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) की बढ़ती मांग को लेकर चंडीगढ़ में भी कई नए सेंटर खुल गए हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहले जहां गंभीर बीमारी वाले केस में इस तकनीक का उपयोग किया जाता था वहीं अब सामान्य जीवन जी रहीं लड़कियां भी इसका सहारा ले रहीं हैं. कॅरिअर बनाने के चक्कर में देर से शादी या फिर देर से मां बनने के फैसले के चलते ऐसा हो रहा है. यह तकनीक जहां ऐसी लड़कियां की मुश्किल को आसान बना रही है वहीं उन्हें इस तनाव से भी मुक्ति दिला रही है कि उम्र ढलने के बाद वह मां नहीं बन पाएंगी.
इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन (ISAR) की चंडीगढ़ शाखा की अध्यक्ष डॉ. निर्मल भसीन का कहना है कि अब इस तकनीक का लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है. शादी से पहले एग फ्रीज कराने वाली लड़कियों की संख्या शादीशुदा महिलाओं की तुलना में अधिक है क्योंकि इस तकनीक का उपयोग कर लड़कियां 50 साल की उम्र में भी आसानी से मां बन सकती हैं. कानून भी इसकी छूट देता है.
डॉक्टर का कहना हैं कि 34 साल की उम्र के बाद तनाव का स्तर तेजी से बढ़ता है. इसका असर महिलाओं के अंडों पर भी पड़ता है. इससे शरीर में अंडों की संख्या कम होने लगती है. इस कारण मां बनने में कई तरह की परेशानी होने का खतरा बढ़ जाता है लेकिन इस तकनीक ने राह आसान कर दी है. सामान्य तौर पर 39 साल से पहले युवतियों और महिलाओं को अपने अंडे सुरक्षित करा लेने चाहिए क्योंकि फ्रीज किए गए अंडों का उपयोग अगले 15 साल के बीच किया जा सकता है लेकिन कानून 50 साल के बाद इसकी अनुमति नहीं देता.
एग फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं के अंडों (Eggs) को निकालकर उन्हें एक विशेष फ्रीजिंग तकनीक के द्वारा सुरक्षित कर लिया जाता है. इस प्रक्रिया को ओसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन (Oocyte Cryopreservation) भी कहा जाता है. बाद में जब महिला मां बनने का फैसला करती है, तो इन जमे हुए अंडों का इस्तेमाल आईवीएफ (In Vitro Fertilization) प्रक्रिया में किया जा सकता है.
सामान्य तौर पर 39 साल से पहले युवतियों और महिलाओं को अपने अंडे सुरक्षित करा लेने चाहिए क्योंकि फ्रीज किए गए अंडों का उपयोग अगले 15 साल के बीच किया जा सकता है लेकिन कानून 50 साल के बाद इसकी अनुमति नहीं देता है.
अंडाशय से परिपक्व अंडों को बाहर निकाला जाता है और लैब में जीरो तापमान पर फ्रीज कर दिया जाता है. इसके बाद महिला 50 साल की उम्र तक भविष्य में जब चाहे तब फ्रीज किए गए अंडे से मां बन सकती है. एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया 15 दिन तक चलती है.
आमतौर पर महिलाओं में गर्भधारण करने की उम्र 20 साल से 30 साल के बीच मानी जाती है. इसके बाद महिलाओं में फर्टिलिटी कम होने लगती है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि 30 साल के बाद महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो सकती. लेकिन अगर महिलाओं के शरीर में जटिलताएं हैं तो 30 के बाद प्रेग्नेंसी में कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है.
वेबसाइट के मुताबिक अमेरिका में एक बार में अंडा निकालने का खर्च 10 हजार डॉलर तक आ सकता है. इसके बाद जितने दिनों के लिए एग फ्रीजिंग करवाया जाता है उसका खर्च अलग है. इसके बाद का खर्च करीब 5000 डॉलर तक आ सकता है. 10 से 15 साल तक के लिए एग को फ्रीजिंग करवाया जा सकता है. इंडियाटूडेकी एक खबर के मुताबिक भारत में अंडा फ्रीज करवाने में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करना पड़ता है.
-भारत एक्सप्रेस
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