Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर से शुरू होने वाला है, जो 12 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. वहीं नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाना विशेष महत्व रखता है. यह ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलती रहती है और इसके बिना पूजा की शुरुआत अधूरी मानी जाती है. चलिए जानते हैं अखंड ज्योति जलाने के नियम और महत्व क्या हैं.
ज्योतिष के अनुसार, नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से जीवन और मन में व्याप्त अंधकार दूर हो सकता है. यह जिंदगी से अंधेरे को दूर करने का प्रतीक माना गया है. जिन घरों में पूरे 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलती रहती है, वहां सुख-समृद्धि आती है और मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहता है.
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– शुभ मुहूर्त देखकर शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करें.
-पूजा की शुरुआत करने के समय अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करें.
-घर पर दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित करके पूजा करने वाले हैं दीपक को घी, सरसों तेल या फिर तिल के तेल में ही जलाएं.
-घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे मां दुर्गा की मूर्ति के दाहिने तरफ रखना चाहिए. सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं तो मां के बाईं तरफ रखें.
-दीपक को उड़द दाल, चावल या फिर काले तिल के ही ऊपर रखें.
-ज्योति की लौ उत्तर, पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में हो. भूलकर भी दक्षिण दिशा में दीया न रखें.
-9 दिनों के अंदर दीया बुझ जाए तो मां दुर्गा से मांफी मांगकर दोबारा दीपक को जला सकते हैं.
-नौ दिनों के बाद भी दीया जलती रहे तो इसे आप फूंक मारकर बुझाएं नहीं. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. दीये को स्वयं ही बुझने दें.
नवरात्रि के शुभ अवसर पर पूजा के दौरान मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने अखंड ज्योति जलाने से जीवन में रोशनी और खुशहाली आती है. विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से माता दुर्गा अपने भक्तों को खुशहाल जीवन व्यतीत करने का आशीर्वाद देती हैं. इसके अलावा:
– घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
– परेशानियां, बाधाओं से छुटकारा मिलता है.
– आर्थिक समस्याओं से पीछा छूट सकता है.
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