Heart Attack: हार्ट अटैक का खतरा दुनियाभर में तेजी से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. 30 से कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं. लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी को स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बढ़ती समस्या की मुख्य वजह मानते हैं. इशके अलावा जिन लोगों का ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल अक्सर बढ़ा हुआ रहता है उसमें हृदय से संबंधित बीमारियों और गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक होने का खतरा अधिक हो सकता है. हार्ट अटैक जानलेवा स्थिति है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे हार्ट अटैक से बचा जा सकते हैं? तो हालिय रिसर्च की रिपोर्ट में आपको इसका जवाब मिल सकता है.
इंपीरियल कॉलेज लंदन और स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, हार्ट अटैक के मरीज़ों को 2 सस्ती दवाएं (स्टेटिन और एजेंटीमाइब) एकसाथ देने से दूसरे हार्ट अटैक, स्ट्रोक या मौत का जोखिम कम हो सकता है. एक शोधकर्ता ने कहा, ‘इन्फार्कशन (हार्ट अटैक) के बाद जल्द-से-जल्द दोनों दवाएं देने से सकारात्मक प्रभाव होते हैं ऐसा न करने से जोखिम बढ़ता है.”
आमतौर पर डॉक्टर हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए रोगियों को स्टैटिन लेने की सलाह देते हैं. उसके बाद शरीर पर दवा का क्या असर हो रहा है इसके आकलन के बाद कम से कम दो महीने बाद एजेटीमीब देते हैं. भारत सहित दुनियाभर के विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं ने 14 अध्ययनों में 1 लाख से अधिक ऐसे रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया जिन्हें हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने का खतरा अधिक रहता है. अध्ययन में पाया गया कि जिन रोगियों की धमनियां अवरुद्ध थी उन्हें सिर्फ स्टैटिन देने के बजाय साथ में अगर एजेटीमीब भी दिया जाए तो इससे जानलेवा समस्याओं के जोखिमों को काफी कम करने में मदद मिल सकती है.
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डॉक्टर बताते हैं, हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर तुरंत दो इकोस्प्रिन (Ecosprin 75), एक रोसुवास्टेटिन (Rosuvastatin 20mg) खा लें. इसके बाद सोब्रिट्रेट (Sorbitrate 5mg) की टेबलेट को जीभ पर रखकर उसे चूसें. इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है. इन दवाओं की कीमत 6-7 रुपये होती है. यानी सात रुपये में आप अपनी जान बचा सकते हैं.
हार्ट अटैक की स्थिति में रक्त के थक्के बनने लगते हैं इकोस्प्रिन ब्लड थिनर के रूप में काम करती है और थक्कों को कम करने में मदद करती है. रोसुवास्टेटिन कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा है ये उस थक्के के प्रसार को रोकती है. वहीं सोब्रिट्रेट को चूसने से ये इंजेक्शन की तरह काम करती है और नसों को खोलने में मदद करती है.
-भारत एक्सप्रेस
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