आज दुनियाभर में सांस से जुड़ी समस्या अस्थमा के मामले काफी देखने को मिलते हैं. अस्थमा (asthma) के कारण उनकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं. मौसम और तापमान में उतार-चढ़ाव श्वास नली को प्रभावित कर देता है. ठंडे मौसम के कारण ब्रोन्कियल नलियों में सूजन आ जाती है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है. इससे अस्थमा के लक्षण और भी गंभीर हो जाते हैं. कई बार जानकारी के अभाव में भी लोगों को अस्थमा अधिक परेशान करता है.
आपको बता दें लोगों को जागरूक करने के लिए ही हर साल यानी आज के दिन 7 may को वर्ल्ड अस्थमा डे (World Asthma Day) मनाया जाता है. अस्थमा के बारे में हाल में एक शोध प्रकाशित हुआ है. इसके अनुसार, ज़िंक से भरपूर खाद्य पदार्थ बच्चों और किशोरों में अस्थमा के जोखिम को कम करते हैं. यह आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा किया जाता है. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक सहयोगी संगठन है. इसका आयोजन हर साल मई में दुनिया भर में अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है.
विश्व अस्थमा दिवस 2024 के लिए थीम अस्थमा शिक्षा सशक्तीकरण (Asthma Education Empowers) बनाई गई है. इसके माध्यम से अस्थमा से पीड़ित लोगों को उनकी बीमारी का प्रबंधन करने के लिए उचित शिक्षा और चिकित्सा सहायता लेने की आवश्यकता पर जोर देता है.
अस्थमा के पेशेंट्स को मैग्नीशियम से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए, क्योंकि इस समस्या में सांस की नली में सूजन होने लगती है, जिसकी वजह से मरीज को काफी ज्यादा परेशानी होती है. वहीं मैग्नीशियम रिच फूड्स सूजन को कम करने में कारगर होते हैं. साबुत अनाज, मेवा, फलियां, हरी सब्जियां, मछली आदि में मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है.
सांस से जुड़ी बीमारियां जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में अंजीर का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है. अस्थमा में खानपान का ध्यान न रखने से मरीज को कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं. बरसात और ठंड के मौसम में अस्थमा की समस्या और बढ़ जाती है. डाइट और लाइफस्टाइल की वजह से अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में और परेशानियां होती हैं. इससे बचने के लिए अंजीर का सेवन करना चाहिए. अंजीर में मौजूद गुण अस्थमा के मरीजों की परेशानियों को कम करने में मदद करते हैं.
अस्थमा पेशेंट्स को कीवी डाइट में शामिल करना चाहिए, ये कई एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. इसके अलावा जिन लोगों को अस्थमा की परेशानी हो उनके लिए एवोकाडो भी फायदेमंद माना जाता है. हर्ब्स या मसाले की बात करें तो अदरक अस्थमा के मरीजों को फायदा पहुंचा सकती है, क्योंकि इसके सेवन से गले के इंफेक्शन से बचा जा सकता है.
अस्थमा की समस्या वालों को ऐसी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए जिससे बलगम जमने का डर रहता हो. पत्ता गोभी, चावल, दही, ठंडी चीजें, तला और ज्यादा मसालेदार खाना, जंक फूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए.
ज्यादा धूल मिट्टी के संपर्क में आने पर अस्थमा ट्रिगर कर सकता है, इसलिए बाहर निकलते वक्त मास्क का यूज करना चाहिए, इसके अलावा इन्हेलर साथ में रखना चाहिए. वहीं घर में भी साफ-सफाई का ध्यान रखें और खासतौर पर कंबल, बेडशीट्स को जल्दी-जल्दी साफ करते रहना चाहिए. गलती से भी अस्थमा पेशेंट्स को धूम्रपान, स्मोकिंग आदि नहीं करनी चाहिए.
अस्थमा से बचने के लिए आपको पहले से ही सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए. ऐसी चीजें जो अस्थमा अटैक को ट्रिगर करती हैं, उनका सेवन करने से बचें. बहार निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें. प्रदूषित हवा और घुटन वाली जगहों पर जाने से बचें. अस्थमा के मरीजों को डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान न रखने पर अस्थमा अटैक का खतरा रहता है. अस्थमा के लक्षणों को सही समय पर पहचानकर डाइट और जीवनशैली में बदलाव करने से आप इसकी चपेट में आने से बच सकते हैं.
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