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Solar Eclipse 2023: कल लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, बरतनी होगी ये सावधानियां, जानें कब से कब तक है ग्रहण काल

Solar Eclipse 2023: इस साल 2023 का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण कल लगने जा रहा है. हालांकि, आश्विन मास के अमावस्या तिथि यानी की 14 अक्टूबर 2023 को लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. लेकिन प्रशांत महासागर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण महासागर, ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य जगहों पर इसे आसानी से देखा जा सकता है.

जानें ग्रहण काल

भारतीय समयानुसार, 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण शनिवार को रात में 8 बजकर 34 मिनट से शुरु होगा. वहीं इसका समापन रात 2 बजकर 25 मिनट पर होगा. यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में होगा.

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है तो आइए जानते हैं क्या हैं वो जरूरी नियम और सूर्य ग्रहण के समय और किन कार्यों से बचना चाहिए.

ग्रहण के दौरान ये काम बिल्कुल भी न करें

शास्त्रों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से उसका नकारात्मक असर पड़ता है. ऐसे में इस दौरान पका हुआ खाना नहीं खाना चाहिए. अगर भोजन पहले से बना रखा है तो उसमें तुलसी का पत्ता डाल दें. दूध और इससे बनी चीजों, पानी में भी तुलसी का पत्ता डाल कर रखें. तुलसी के पत्ते के कारण दूषित वातावरण का प्रभाव खाद्य वस्तुओं पर नहीं पड़ता है.

गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान

सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाओं के इस दौरान अपना विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से न निकलें और अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाएंसूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तुओं का उपयोग ना करें. हालांकि भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. लेकिन फिर भी सावधानी बरतते हुए कार्य उपर लिखे कामों को किया जा सकता है. बता दें कि ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल में घर के मंदिर में भी पूजा पाठ करने की मनाही होती है. इसके स्थान पर मानसिक जाप करना शुभ और फलदायी माना जाता है.

इसे भी पढ़ें: Chandra Grahan 2023: अक्टूबर में पड़ रहा है साल का अंतिम चंद्रग्रहण, भारत में दिखने से इस समय से लगेगा सूतक काल

ग्रहण के बाद करें यह काम

ग्रहण काल के दौरान रामचरितमानस या किसी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करना चाहिए. ग्रहण प्रारंभ होने से पहले तुलसी के पत्ते तोड़ लें इन्हें बचे हुए खाने पीने की चीजों में डाल दें और ग्रहण के बाद इन्हें निकालकर प्रवाहित कर दें. वहीं ग्रहण के बाद घर में गंगा जल छिड़कना चाहिए.

Rohit Rai

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